डाबरमैन डॉग जिसके अन्य नाम डाबरमैन पिन्स्चर या डोबी के नाम से प्रचलित हैं डाबरमेन डॉग एक वर्किंग और गॉर्ड डॉग की श्रेणी मैं आने वाली नस्ल हैं जिसे भारत तथा पुरे विश्व मैं पसंद किया जाता हैं।
डाबरमेन डॉग सबसे अधिक पाले जाने वाली गॉर्ड डॉग नस्लों मैं से एक हैं डाबरमेन डॉग स्वाभाव से अग्रेसिव और आक्रामक प्रवर्ति के होते हैं यही कारण हैं की कुछ चुनिंदा लोग ही डाबरमैन को पालने का शौक रखते हैं।
इस लेख मैं हम डाबरमैन डॉग से जुडी वह सभी महत्वपूर्ण जानकारी और तत्थ्यो के बारे मैं चर्चा करेंगे तो आइये जानते हैं।
डाबरमैन डॉग का इतिहास
डाबरमैन डॉग मूल रूप से जुर्मनी देश से सम्बन्ध हैं डाबरमेन डॉग को सर्वप्रथम सन 1880 के दसक मैं कार्ल फ्रेडरिक लुई डोबर्मन जो एक टेक्स कलेक्टर थे उनके द्वारा जुर्मनी के अपोल्डा थुरंगिआ प्रान्त मैं अस्तित्व मैं लाया गया।
कई अन्य नस्लों के साथ मिलकर उन्होंने ऐसी नस्ल बनाने का विचार किया जो की एक आदर्श गॉर्ड डॉग हो लेकिन सन 1915 डोबर्मन पिंसर नस्ल को बनाने के लिए कई अलग अलग नस्लों विशेषताओ वाले नस्लों का प्रयोग किया गया हैं।
आज हम जिस डोबरमैन डॉग और उसकी विशेषताओ को देखते हैं वह दरअसल कई प्रकार के डॉग नस्लों का एक सयोजन हैं जिसमें ब्यूसेरॉन, जर्मन पिंसर, रोटवीलर और वीमरनर शामिल हैं।
लेकिन विशेषयज्ञों का यह भी मानना हैं की डाबरमेन नस्ल को विकसित करने में जर्मन शेफर्ड डोबर्मन नस्ल का सबसे अधिक योगदान मन जाता हैं।
तथा अमेरिका की विश्व प्रतिष्ठित केनाल क्लब akc का कहना हैं की डाबरमेन नस्ल को विकसित करने के लिए रोटवीलर, ब्लैक एंड टैन टेरियर और जर्मन पिंसर का उपयोग किया गया हैं।
सन 1894 फ्रेडरिक लुई डोबर्मन के मृत्यु के बाद जुर्मनी के लोगो ने इस नस्ल का नाम डोबर्मन-पिंसर रखा लेकिन कुछ समय बाद इस नाम के आगे से पिंसर शब्द हटा दिया गया तथा अब सिर्फ अमेरिका और कनाडा मैं पिंसर सब्द का इस्तेमाल किया जाता हैं।
सयुक्त राज्य अमेरिका ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान डाबरमेन डॉग को आधिकारिक तोर पर एक युद्ध कुत्ते के रूप मैं अपनाया एवं इसे 2012 और 2013 मैं अमेरिकन केनाल क्लब द्वारा सयुक्त राज्य अमेरिका के 12 वी सबसे लोकप्रिय नस्ल के रूप मैं स्थान दिया गया।
डाबरमैन डॉग का स्वाभाव
- डाबरमेन एक एथलीट नस्ल हैं डाबरमैन डॉग बेहद साहसी , बुद्धिमान ,वफादार और सतर्क होते हैं। वैसे तो एक निडर गॉर्ड डॉग के रूप मैं पुरे विश्व मैं जाने जाते हैं लेकिन वह उतने ही अच्छे एक पारिवारिक डॉग भी होते हैं।
- डाबरमेन डॉग बेहद सक्रिय और बुद्धिमान नस्ल हैं शारीरिक और मानसिक रूप से व्यस्त रहना पसंद होता हैं इन्हे प्रशिक्षित करना बहुत आसान होता हैं क्योकि यह चीजों को जल्दी सिखने की काबिलियत रखते हैं।
- डाबरमेन एक निडर नस्ल हैं जो की अपने परिवार के प्रति सुरक्षात्मक भाव रखते हैं और सिर्फ अपने परिवार के लोगो और मालिक से डरते हैं लेकिन अजनबियों और घुसपैठियों पर हमला करने के लिए यह हमेशा तैयार होते हैं एवं अपने य अपने परिवार पर किसी भी प्रकार का खतरा मह्सूस होने पर भी हमला करते हैं।
- डाबरमैन अपने परिवार के साथ और करीब रहना पसंद करते हैं एवं परिवार,बच्चो और दोस्तों के प्रति डाबरमैन का व्यव्हार बेहद दयालु और प्रेमपूर्वक रहता हैं लेकिन किसी प्रकार के दुर्व्यवहार किये जाने पर यह गुस्सैल और आक्रामक रवैया अपना हैं।
- डाबरमेन डॉग एक पारिवारिक डॉग है जिन्हे अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए अकेले रहने पर यह और भी ज्यादा उग्र स्वाभाव के हो सकते हैं। इन्हे भी परिवार के अन्य बाकी सदस्यों की तरह ही समझा जाना चाहिए तथा पारिवारिक गतिविधियों मैं शामिल किया जाना चाहिए।
- डाबरमेन के एक अच्छे और बेहतर चरित्र के निर्माण के लिए जरुरी ट्रैनिंग और सामजिकरण करना बेहद आवश्यक हैं जिसके माध्यम से यह नए लोगो से मिल सके उन लोगो से घुल मिल सके तथा वातावरण मैं रहने के योग्य बन सके।
डाबरमैन का स्वस्थ्य
डाबरमैन एक स्वस्थ्य नस्ल हैं लेकिन बाकी अन्य सभी नस्लों की तरह ही डाबरमेन मैं कुछ जन्मजात अनुवांशिक स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिलती हैं तथा एक डाबरमैन नस्ल अपनाने से पहले इन समस्यायों के प्रति जागरूक रहना अति आवश्यक हैं।
1.नार्कोलेप्सी
यह दिमागी विकार हैं जिसमे मस्तिष्क सोने और जागने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने मैं असमर्थ हो जाता हैं नार्कोलेप्सी से प्रभावित डाबरमेन कभी अचानक अनैच्छिक रूप से सो जाते हैं एवं कभी भी उठ जाते हैं।
2.कलर म्यूटेंट एलोपेसिया
यह एक ऐसी स्थिति या रोग हैं जिसमे की नीले अथवा कभी कभी लाल रंग वाले डाबरमेन डॉग ही प्रभावित होते हैं तथा इस रोग के लक्षण चार महीने से लेकर तीन साल की उम्र मैं देखने को मिलते हैं
जैसे जैसे कुत्ता बढ़ता हैं उसके बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं बाल झड़ने की यह समस्या सिर्फ नीले या लाल रंग वाले कोट को ही प्रभावित करती हैं।
इसके लक्षणों के रूप मैं हमें त्वचा मैं संक्रमण ,सूजन और खुली देखने को मिलती हैं यह एक लाइलाज स्थिति होती हैं।
3.ऐल्बिनोइज़्म
ऐल्बिनोइज़्म यानि की रंगहीनता यह एक अनुवांशिक त्वचा सम्बन्धी विकार हैं जो की डाबरमेन मैं देखने को मिलती हैं। ऐल्बिनोइज़्म रोग मैं ऐसी स्थिति हो जाती हैं जिसमे कुत्ता सूरज के रौशनी के प्रति सवेदनशील हो जाते हैं।
तथा नाक आँखों और शरीर की त्वचा गुलाबी और सफ़ेद हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त कैंसर सहित कई और आँखों की समस्या से डाबरमेन पीड़ित हो सकता हैं।
4.हिप डिस्प्लेसिया
हिप डिस्प्लेसिया डाबरमेन को विरासत मैं मिली एक अनुवांशिक समस्यां है जो की इसके पिछले कूल्हों को प्रभावित करती हैं जिसके कारण पिछले जगहों की हड्डी कूल्हे के जोड़ो मैं अच्छे से फिट नहीं होती हैं जिसके कारण पिछले पेरो मैं दर्द और लगड़ापन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
5.प्रोग्रेसिव रेटिनल एट्रोफी
प्रोग्रेसिव रेटिनल एट्रोफी यह एक प्रकार का नेत्र रोग हैं जिमसे की कुत्ते की रेटिना प्रभावित होती हैं तथा धीरे धीरे दिक्कत बढ़ने पर कुत्ते रतोंधी से ग्रसित हो जाते हैं तथा रोग बढ़ने के साथ कुत्ते अपने दृष्टि खोने लगते हैं।
6.हाइपोथायरायडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म दूसरे शब्दो मैं अंडरएक्टिव थायराइड भी कहा जाता हैं जो की पर्याप्त मात्रा मैं थायराइड हार्मोन के उत्पादन न होने के कारण से होता हैं जिसके कारण डाबरमेन मैं मिर्गी ,बाल झड़ना ,मोटापा,सुस्ती,त्वचा मैं काले रंग के निशान जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
डाबरमैन की देखभाल
1.डाबरमेन एक मध्यम और बड़े आकार वाली नस्ल हैं जिन्हे घूमने टहलने और शारीरिक गतिविधयां करने के लिए एक पर्याप्त और बड़े स्थान की आवश्यकता होती हैं जिसके लिए इसे एक बड़े घर अथवा यार्ड की जरुरत पड़ेगी जहाँ वह आसानी के साथ बिना किसी को चोट या किसी को नुक्सान पहुचाये खेल सके।
2.डाबरमैन गॉर्ड डॉग की नस्ल हैं जो की आकर मैं अधिक होने के वजह से अधिक भोजन खाने के प्रत्याशी होते हैं तथा अधिक भोजन को पचाने के लिए आपको इन्हे जरुरी वव्यायाम और घूमने की भी आवश्यकता होती हैं।
घूमने के साथ आपको यह भी ध्यान रखना हैं की ज्यादा अधिक समय के लिए इन्हे अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए नहीं तो यह बाकी किसी अन्य पालतू जानवर या मनुष्य के लिए कभी कभी खतरा बन सकते हैं।
3.डाबरमेन को पालते समय आपको इनके प्रति थोड़ा सवेदनशील होना पड़ेगा क्योकि यह सिर्फ अपने परिवार और दोस्तों के प्रति ही प्रेमपूर्ण और मिलनसार भाव रखते हैं।
पड़ोसियों और अजनबियों के प्रति इनका व्यवहार सतर्क और सक्रिय होता हैं जिस पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती हैं।
4.छोटे उम्र से ही आपको डाबरमेन को एक उचित प्रशिक्षण देने की और समाज और अपने आस पास के तौर तरीको के हिसाब से समाजीकरण करने की आवश्यकता होती हैं।
5.डाबरमेन जिस परिवार मैं रहते हैं अपने आपको उसका हिस्सा मानते हैं तो यह जरुरी होता हैं की डाबरमेन को हमेसा बाँध कर न रखा जाये इन्हे घर के अंदर या घर के पीछे बैक यार्ड अथवा छत पर खुला घूमने की अनुमति दी जाये।
डाबरमैन का भोजन
डाबरमेन एक एथलीट नस्ल हैं जिन्हे खेलना भागना अत्यधिक पसंद होता हैं तो अन्य किसी भी छोटी नस्ल की तुलना मैं एक उच्च गुणवत्ता वाले खनिज तत्वों से भरपूर भोजन की आवश्यकता होती हैं।
डाबरमेन के शरीर की विकास वृद्धि दर आपके द्वारा दिए जाने वाले भोजन पर निर्भर करता हैं एक बेहतर भोजन का चुनाव डाबरमेन के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता हैं।
डाबरमैन के भोजन के लिए आप घर का भोजन या फिर पैक डॉग फ़ूड का चुनाव कर सकते हैं घर के भोजन मैं पोषक तत्वों की मात्रा को संतुलित कर पाना थोड़ा मुश्किल होता हैं लेकिन वही इसके स्थान पर यदि पैक डॉग फ़ूड बात करे तो यह सभी पोषक तत्वों और खनिजों से समृद्ध होता हैं।
डाबरमैन को दिए जाने वाले भोजन के परिणाम स्वरुप उसके उम्र के अनुसार वजन कम या ज्यादा होने पर भोजन की मात्रा मैं वृद्धि या कमी अथवा उसमे बदलाव करने की आवश्यकता होती हैं।
क्योकि डाबरमेन डॉग बड़ी नस्ल है इन्हे दिन भर मैं 3 -4 कप एक ब्रांडेड पैक डॉग फ़ूड की आवश्यकता होती हैं तथा ध्यान रहे ही बताई गई भोजन की मात्रा डाबरमेन के उम्र,आकार पाचन शक्ति और शारीरिक गतिविधि की अनुसार अलग अलग हो सकती हैं।
डाबरमैन की शारीरिक संरचना
एक पूर्ण विकसित व्यस्क नर डाबरमेन का वजन 40 -45 एवं मादा 32 -35 किलोग्राम तक होता हैं एवं उचाई नर की 68 -72 सेंटीमीटर एवं मादा की 63 -68 सेंटीमीटर तक होती हैं।
यह आकार मैं लबे होते हैं सर का आकर लम्बा और पतला होता है एवं जबड़े बेहद शक्तिशाली और मजबूत होते हैं आँखे गहरी भूरी होती हैं। कान पतले लेकिन लम्बे होते हैं तथा ऊपर की खड़े हुए होते हैं।
डाबरमेन की पूँछ लम्बी होती हैं जो की ऊपर की और मुड़ी हुई होती हैं डाबरमेन डॉग मुख्य रूप से ब्लैक और टेन और रेड और टेन रंगो मैं देखने को मिलते हैं इसके बाल छोटे चिकने और चमकदार होते हैं।