बुलडॉग की जानकारी इतिहास स्वाभाव स्वास्थ्य। bulldog information in hindi

बुलडॉग पुरे विश्व मैं एक चर्चित नाम और एक जानी मानी कुत्ते की नस्ल हैं जिसे इंग्लिश बुलडॉग या ब्रिटिश बुलडॉग भी कहा जाता हैं। बुलडॉग आकर मैं छोटे और बेहद प्यारी नस्ल होती हैं। 

मुख्या रूप से बुलडॉग अपने आकार और स्वरुप के वजह से पुरे विश्व मैं इतने ज्यादा लोकप्रिय हैं एवं पसंद किये जाते हैं बुलडॉग का स्वाभाव और चरित्र अन्य किसी भी नस्ल से अलग होता हैं तथा इस लेख मैं हम बुलडॉग से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी और तथ्यों के बारे मैं जानेगे।

बुलडॉग का इतिहास  

बुलडॉग का नाम उसके उसके बैल जैसे दिखने वाले शरीर और भूतपूर्व मैं हुए इसके उपयोग के कारण इसका यह नाम रखा गया बुलडॉग मूल रूप से इंग्लैंड देश मैं विकसित नस्ल हैं। 

17 वी सताब्दी के दौरान उस समय इंग्लैंड मैं बुलडॉग नस्ल का इस्तेमाल डॉग फाइट के लिए किया जाता था तथा इसके अतिरिक्त एक खुटे से बंधे सांढ़ के ऊपर से प्रशिक्षित बुलडॉग को छलांग लगवाया जाता था जिसे बैल बैटिंग कहा जाता था । 

इसके पश्चात् सं 1835 मैं बड़े विवादों के बाद कुत्तो की लड़ाई और बुल बैटिंग पर इंग्लैंड सरकार द्वारा इसे गैर क़ानूनी माना गया तथा इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 

इसके बाद धीरे धीरे बुलडॉग की उपयोगिता कम होने लगी बाद मैं इसका प्रयोग शहर की गश्त लगाने के लिए एवं जंगली सांढ़ों को घेर कर एक नियत स्थान तक ले कर जाने के लिए बुलडॉग का इस्तेमाल किया जाने लगा। 

dogtime के अनुसार सन 1859 मैं  इंग्लैंड के ब्रीडरों द्वारा कॉनफॉर्मेशन शो मैं बुलडॉग को दिखाना शुरू किया गया तथा 1860 मैं सर्वप्रथम इंग्लैंड के बर्मिंघम मैं इसे एक डॉग शो मैं दिखाने की अनुमति मिली एवं सन 1861 मैं बर्मिंघम के एक डॉग शो मैं किंग डिक नामक बुलडॉग ने जीत हाशिल की। 

1864 मैं पहले बुलडॉग क्लब की स्थापना की गई आर.एस. रॉकस्ट्रो रखा गया जिसमे 30 सदस्य शामिल थे लकिन महज तीन वर्षो के बाद यह क्लब भंग हो गया तथा 1875 मैं एक और बुलडॉग क्लब की स्थापना की गई जो की अभी भी अस्तित्व मैं मौजूद हैं। 

इसके बाद बुलडॉग को सयुक्त राज्य अमेरिका लाया गया जहा 1880 मैं न्यूयोर्क शहर मैं डोनॉल्ड नामक एक बुलडॉग को प्रदर्शित किया गया तथा 1886 मैं बॉब नाम के एक बुलडॉग को अमेरिकन केनाल क्लब मैं पंजीकृत किया गया। 

बुलडॉग का स्वस्थ्य 

वैसे तो बुलडॉग एक स्वस्थ्य नस्ल हैं लेकिन बाकी अन्य नस्लों की तरह ही बुलडॉग भी कुछ बिमारियों से ग्रसित होते  हैं सभी बुलडॉग्स मैं यह बीमारियां देखने नहीं मिलती हैं लेकिन इन सभी बिमारियों के प्रति जागरूक रहना बेहद जरुरी होता हैं। 

एक जिम्मेदार और अनुभवी से एक बुलडॉग लेना आपको बुलडॉग को होने वाले स्वास्थ्य मुद्दों से बचा सकते हैं एवं  मदद भी करते हैं। तो आइये जानते हैं बुलडॉग को होने वाले स्वास्थ्य समस्यायों के बारे मैं। 

1.हिप डिस्पलासिया

हिप डिस्पलासिया यह बुलडॉग को होने वाली एक ऐसी समस्या हैं जिसमे कूल्हे की हड्डी प्रभावित होती हैं जिसके कारण पिछले पैरो मैं लंगड़ापन जैसी समस्या होती हैं हिप डिस्पलासिया होने सबसे अधिक कारण कुत्ते का अधिक वजन और भोजन मैं पोषक तत्वों की कमी तथा माता पिता द्वारा अनुवांशिक बीमारी हो सकती हैं। 

2.पूछ की समस्या 

कुछ बुलडॉग की पूँछ उलटी या तंग होती हैं जिसके कारण वहां की त्वचा मैं संक्रमण जैसी दिक्कते हो सकती हैं। 

इससे बचने के लिए नियमित रूप से पूँछ की साफ़ सफाई एवं उसे सूखा रखने की और विशेष देखभाल की आवश्यकता होती हैं  पूँछ की समस्या वैसे तो सभी बुलडॉग नस्लों मैं देखने को नहीं मिलती हैं। 

3.ब्लड शुगर कम होना 

अक्सर कुछ बुलडॉग्स मैं यह देखा गया हैं की वह अचानक अनैच्छिक रूप से सर को हिलाते हैं। देखने में यह दौरे जैसा प्रतीत होता हैं लेकिन यह बुलडॉग के रक्त मैं शुगर की मात्रा काम होने के कारण से होता हैं। 

कभी कभी यह समस्यां अधिक भी हो सकती हैं कई ब्रीडर ऐसी स्थिति मैं शहद या शकर देने की सलाह देते हैं लेकिन यदि स्थिति फिर भी नहीं सुधरती है तो पशु चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता हैं।  

4.सुखी आँख 

सुखी आँख यह बुलडॉग्स नस्लों अधिकांश देखने वाली समस्याओं मैं से एक हैं यह एक ऐसी स्थिति हैं जिसमे की प्राकृतिक रूप से आंसुओ का निर्माण नहीं होता हैं जिसके परिणाम स्वरुप आँखों मैं रूखापन,धुंधला दिखना एवं आँखों के सामने नीला धुंध यह सभी लक्षण शामिल होते हैं।

5.ब्रैचिसेफलिक सिंड्रोम

ब्रैचिसेफलिक सिंड्रोम यह अक्सर छोटे सिर और संकुचित नाक के कारण से होने वाली समस्या हैं जिसमे बुलडॉग को स्वास लेने मैं दिक्कत होती हैं ब्रैचिसेफलिक सिंड्रोम से ग्रसित बुलडॉग्स चीजों को बार बार सूंघते हैं। ब्रैचिसेफलिक सिंड्रोम से निपटने के लिए चिकित्सक ऑक्सीजन थेरिपी अथवा सर्जरी का सुझाव देते हैं। 

बुलडॉग की देखभाल 

बुलडॉग एक छोटी कुत्ते की नस्ल हैं जो की एक छोटे घर अथवा फ्लैट मैं पालने के लिए बिलकुल उपयुक्त हैं तथा जिन्हे ज्यादा व्यायाम और शारीरिक गतिविधि कराने की आवश्यकता नहीं होती हैं। 

लेकिन यदि बिलकुल भी व्यायाम या शारीरिक गतिविधियां न कराइ जाये तो यह अनावश्यक रूप से मोटे हो सकते हैं।  

बुलडॉग नस्ल को घर के अंदर रहना और आरामदायक जीवन शैली जीना अधिक पसंद होता हैं यह एक माध्यम ऊर्जा स्तर वाले नस्ल होते हैं जो की 10 -20 के खेल कूद के बाद थक जाते हैं। तथा जिन्हे खेलने के लिए एक छोटे से स्थान की आवश्यकता होती हैं  

बुलडॉग नस्ल को न ज्यादा अधिक गर्मी मैं रहने के आदि होते हैं और न ही अधिक सर्दी इन्हे एक संतुलित वातावरण की आवश्यकता होती हैं मतलब की अधिक गर्मी के मौसम मैं इन्हे ठंडा रखने की आवश्यकता होती है और अधिक सर्दी मैं गरम रखने की। 

प्रशिक्षण के मामले मैं भी बुलडॉग एक बेहतर छात्र के रूप मैं नज़र आते हैं तथा नै चीजों को थोड़ा धीरे धीरे सीखते हैं एवं सीखने के बाद कभी नहीं भूलते हैं कुछ भी नया सीखने के बाद इन्हे सभी नस्लों की तरह ही प्रशंशा और पुरुष्कार की आवश्यकता होती हैं। 

बुलडॉग का स्वाभाव   

  • बुलडॉग नस्ल का व्यक्तित्व और स्वाभाव अत्यंत मिलनसार,कोमल और मधुर होता हैं यह बेहद निडर और साहसी होते हैं जो की इसे एक उत्कर्ष वाचडॉग भी बनता हैं। 
  • बुलडॉग कभी कभी जिद्दी और हटी हो सकते हैं तथा यह लोगो के से साथ बहुत आसानी के साथ घुल मिल जाते हैं बुलडॉग की प्रवर्ति  भौकने की नहीं होती हैं यह घुसपैठियों और अजनबियों को डरने हेतु ही भौकते हैं। 
  • बाकी किसी भी नस्लों की तरह ही इसे भी उपयुक्त प्रशिक्षण,देखभाल और समाजीकरण की जरुरत होती हैं जो की इसके एक अच्छे चरित्र निर्माण के लिए बेहद आवश्यक होता हैं। 
  • बुलडॉग नस्ल  फॅमिली डॉग ब्रीड जिसे अपने परिवार और मालिक के साथ रहना पसंद होता हैं तथा अपने परिवार के लोगो का प्रेम और ध्यान पाने के जिज्ञासु होते हैं।
  • बुलडॉग थोड़े आलसी और जिद्दी हो सकते हैं और आपकी बात न माने लेकिन आपको इसे ट्रेनिंग के माध्यम से या किसी उपहार (भोजन ) के लालच के जरिये अपनी आज्ञा का पालन करवाए।

बुलडॉग शारीरिक संरचना  

बुलडॉग कैसा दिखता है ? बुलडॉग एक छोटे आकर वाली नस्ल हैं जिसकी औसतन उचाई 12 -15 इंच होती हैं यह आकर मैं तो छोटे होते हैं लेकिन वजन मैं अपने आकर से अपेक्षाकृत थोड़े अधिक होते हैं तथा एक पूर्ण रूप से विकसित व्यस्क नर बुलडॉग का वजन  25 किलोग्राम एवं मादा 23 किलोग्राम तक वजन होता हैं। 

बुलडॉग कुछ उन नस्लों मैं  शुमार हैं जिनकी पूँछ बेहद छोटी और सीधी होती हैं बुलडॉग का सिर और कन्धा लगभग एक समान चौड़ा होता हैं जबड़े थोड़े बड़े और सपष्ट होते हैं गाल और गर्दन की त्वचा मोटी और सिलवटे दार होती हैं। 

आँखे मोटी और काली तथा थूथन सिलवटों वाला एवं नाक काले रंग की होती हैं एवं होट झुके हुए होते हैं एवं दांत नुकीले होते हैं। 

बुलडॉग के बाल छोटे सीधे महीन बनावट वाले होते हैं जी की चिकने और चमकदार होते हैं जिन्हे सप्ताह मैं एक से अधिक बार ब्रशिंग करने की आवश्यकता होती हैं बुलडॉग कई रंगो मैं देखने को मिलते हैं सफ़ेद ,सॉलिड रेड ,फॉन ,पीला,सॉलिड ब्लैक इत्यादि। 

बुलडॉग का भोजन  

  • अन्य बाकि किसी भी नस्ल की तरह ही बुलडॉग को एक उच्च गुणवत्ता वाले भोजन की आवश्यकता होती हैं भोजन की मात्रा बुलडॉग के आकार उम्र पाचन प्रक्रिया और दैनिक गतिविधि पर निर्भर करेगा। 
  • बुलडॉग के उचित स्वास्थ्य के लिए सही भोजन का चुनाव बहुत जरुरी होता हैं एक सही और उच्च गुणवत्ता वाला भोजन बुलडॉग के विकास दर को सुनिश्चित करता हैं तथा उसे सेहतमंद बनाये रखने मैं सहायक होता हैं। 
  • एक बुलडॉग को किसी सामान्य व्यक्ति की तरह ही भोजन की आवश्यकता होती हैं जिसमे की समय अनुसार बदलाव किया जाना भी जरुरी होता हैं। 
  • बुलडॉग को दिन मैं कम से कम दो से तीन बार भोजन देने की आवश्यकता होती हैं भोजन मैं पशु चिकित्सक एक बढ़िया डॉग फ़ूड देने की सलाह देते हैं जिसमे की सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा मैं उपस्थित होते हैं। 
  • घर के भोजन मैं पोषक तत्त्व और खनिजों की मात्रा की पूर्ण रूप से पूर्ति कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। 
  • ध्यान रहे की आप जो भोजन बुलडॉग को दे रहे हैं उसका क्या परिणाम देखने को मिल रहा हैं की यदि बुलडॉग का वजन अपेक्षाकृत कम या ज्यादा हैं तो फिर आपको भोजन अथवा भोजन की मात्रा मैं बदलाव करने की आवश्यकता हैं।  

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