जर्मन शेफर्ड डॉग को ट्रैन कैसे करे?

दोस्तों बेशक जर्मन शेफर्ड एक अत्यंत बुद्धिमान एवं प्रभावशाली नस्ल है जिसे भारत मैं बहुत अधिक पसंद किया जाता हैं तथा यह भारत के बेस्ट डॉग ब्रीड की श्रेणी में आते हैं। यदि आप भी जर्मन शेफर्ड डॉग पालने का सोच रहे हैं या फिर पहले से यह डॉग आपके पास मौजूद हैं तो

आपको यह जानना बहुत आवश्यक हैं की जर्मन शेफर्ड डॉग को ट्रैन कैसे करे? क्योंकि एक अनट्रैंड जर्मन शेफर्ड नस्ल आपको कही ना कही परेशान व शर्मिंदा कर सकता है। 

जर्मन शेफर्ड को ट्रेन करने के दो तरीके हैं पहला तरीका यह है कि आप एक अच्छे व अनुभवी ट्रेनर द्वारा अपने डॉग की ट्रेनिंग करवाये। तथा दूसरा तरीका यह की आप जर्मन शेफर्ड डॉग को थोड़ा समय दे कर घर पर ही ट्रेन कर सकते हैं।

अब बात जब घर पर ट्रेन करने की आती हैं तो आपके मन मैं यह सवाल जरूर आ रहा होगा की घर पर आप बिना किसी जानकारी या अनुभव के जर्मन शेफर्ड डॉग को ट्रेन कैसे करें? तो इसका जवाब भी आपको हमारे इस आर्टिकल मैं मिल जायेगा । 

देखिये जर्मन शेफर्ड को ट्रेन करने के अलग-अलग तरीके होते हैं जिसकी सहायता से आप अपने जर्मन शेफर्ड डॉग को आसानी से ट्रेन कर पायेंगे।इस आर्टिकल मैं हम आपको इन्ही कुछ आसान मगर बहुत कारगर German Shepherd training commands के बारे मैं बताने वाले हैं। 

एक जर्मन शेफर्ड को कैसे ट्रेनिंग देते हैं? यह जानने से पहले आपको यह जानना बहुत जरूरी हैं की जर्मन शेफर्ड को ट्रेनिंग देने की सही उम्र क्या है। 8 हफ़्तो का जर्मन शेफर्ड डॉग ट्रेनिंग लेने के योग्य होता हैं क्योंकि  इस उम्र के जर्मन शेफर्ड जल्दी तथा आसानी से ट्रेन हो सकते है। 


जर्मन शेफर्ड डॉग को ट्रैन कैसे करे(german shepherd training in hindi) 

1.सामाजिकरण

आपको पहले दिन से ही आपको अपने डॉग को ट्रेनिंग नही देनी हैं पहले आप थोड़ा ट्रेनिंग का माहौल बनाइये उसके साथ थोड़ा समय बिताइये इसका यह फायदा होगा की वह आपकी बात जल्दी सुनेगा एवं उसका पालन भी करेगा।

उसे घर के बाहर घुमाने ले जाइये जिस से उसका सामाजिकरण अच्छे से हो सके और वह अन्य लोगो को देख कर डरे नही क्योंकि जर्मन शेफर्ड एक गार्ड डॉग नस्ल हैं तो यह अजनबियों को देख कर कभी-कभी थोड़े आक्रमक हो सकते हैं तथा काट भी सकते हैं । 

बाहर घूमते वक़्त यह ध्यान मैं जरूर रखे की आपके साथ ही चले आप से आगे न भागे तथा आपके हाथ व पर पर न झूमे व पकड़े ऐसा करने पर आप उसे थोड़ी उंची आवाज मैं डाटें तथा गुस्सा भी करे इस से वह समझ जायेगा की ऐसा करना सही नहीं हैं और ऐसा करने पर डाट भी पड़ती हैं।

साथ ही साथ बीच मैं इसे बैठने की कमांड उठने की कमांड भी देते रहे और जैसे ही यह आपके कमांड ले। यानी आपकी बात मान जाए तो इसे उसके नाम के साथ साबासी व प्यार दे जैसे। 

उदाहरण: गुड बॉय टॉम, मेरा प्यार बच्चा, सबास टॉम, गुड हैबिट्स, जैसे शब्दो का प्रयोग करे साथ मैं इसे कुछ खाने को ट्रीट भी दे जिस से वह जान जायेगा की ऐसा करना अच्छा हैं तथा ऐसे बात मानने से ट्रीट भी मिलती हैं। 


2.खाने का सही तरीका

दोस्तों स्टार्टिंग के दिनों मैं जब आप जर्मन शेफर्ड को कुछ भी खाने के लिए देते है तो इनकी एक आदत होती हैं की यह आप पर जम्प करते या फिर एक दम से खाने पर झपटते ऐसे स्तिथि मै यह खाना भी गिरा देते हैं तथा आपको जाने अंजाने चोट भी पहुँचा सकते हैं। इनकी यह आदत सुधारने के लिये आपको यह तरीका अपनाना होगा

जब भी आप इन्हे कुछ खाने को दे और यह अगर खाने जम्प या झपटते हैं तो आपको तुरंत हाथ पीछे करना है और इसे डाटना हैं और मना करना हैं। 

उदाहरण: नो, बेड मेनर्स, ऐसा नहीं करते हैं, this इस wrong, बेड बिहेवियर जैसे शब्दो का प्रयोग करना हैं। या फिर आप जो भी अपनी लोकल भाषा का उपयोग करते हैं उस से इसे कमांड देना हैं। 

आपको यह जब तक करना है जब तक यह जम्प करना और  झपटना छोड़े नही एवं जब तक आप खुद से इन्हे न खिलाये।यह तरीका अपनाने से इसे यह समझ आ और यह बात इसके दिमाग मैं बैठ जायेगा की ऐसा करना गलत हैं तथा ऐसा करने पर खाने को भी कुछ नही मिलता हैं ।

और यह जब अच्छे से आपके देने पर व पर्मिसन् पर खाने लग जाए तो इसे सबासी से तथा प्यार करे इस से जर्मन शेफर्ड को यह बात याद रहेगी की मैं जब अच्छा व्यवहार करुगा तभी मुझे खाने के लिए कुछ मिलेगा । 3 से 4 दिन मैं डॉग की यह आदत से आपको जरूर छुटकारा मिल जायेगा। 

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3.उठना बैठना व शैक हैंड करना शिखाये।

जर्मन शेफर्ड एक प्लेफुल व चंचल स्वभाव के डॉग होते जिसके कारण यह मस्ती व उछल- कूद करते रहते हैं ऐसी स्तिथि मैं आपको या तो इन्हे बाधना पड़ता हैं या फिर एक जगह शांत बैठने के लिए कमांड देनी होतीं और यदि ऐसे यह आपकी बात नहीं माने तो तब आप क्या करेगे ? 

तो इसके लिए हम आपको कुछ अचूक german shepherd puppies training tips बतायेगे जिसकी मदद से आप अपने जर्मन शेफर्ड को जब भी बैठने या उठने को या फिर शैक हैंड करने को कहोगे वह आपकी बात जरूर मानेगा। 

टिप 1. जैसा की पहले चरण सामाजिकरण मैं यह बताया था की कैसे आपको बैठने उठने के बारे मैं इसे बताना हैं व कमांड देते रहना है। जिस से यह की बैठने उठने का मतलब समझने लगे। 

तो अब आपको यह करना हैं की पहले तो आप इसे किसी खुले जगह पर ले जाये जहाँ इसे थोड़ी देर घुमाना है फिर इसे बीच- बीच मैं बैठने व उठने एवं शैक हैंड करने की कमांड देनी हैं। शुरुवात के दिनों मै हो सकता हैं यह आपकी बात न माने लेकिन आपको रुकना नही हैं आपको  इसे कमांड देते रहना हैं । 

आपको यह काम रोज थोड़ा- थोड़ा समय दे कर करना हैं क्योंकि अगर आप एक ही दिन मैं इसे सिखाने की कोसिस करेगे तो यह परेशान हो जायेंगा और सीख नही पायेगा तो इस बात आपको जरूर ध्यान रखना है रोज थोड़ा – थोड़ा सिखाना है। कुछ दिनों मैं ही वह आपकी बात मानने लगेगा । 

टिप 2. यह आपकी बात तो मानने लग गया हैं लेकिन आपको इसकी यह आदत हमे हमेसा बनाये भी रखना है। उसके लिये आपको यह करना होगा की जब भी आप इसे कोई कमांड देते हैं और यह आपकी बात मानता हैं तो आप इसे सबासी दे प्यार करे इसके गर्दन के नीचे सहलाये तथा इसके अलावा इसे खाने को ट्रीट भी दे। 

और अगर यह आपकी बात नही मानता है तो फिर आप इसे डाटे और इग्नोर करे व थोड़ा गुस्सा भी दिखाये इस से इसके मन मैं यह बात बैठ जायेगी की इसे आपकी बात मानना हैं व अच्छा व्यवहार करना है। 


4.प्ले बाइटिंग करने से कैसे रोके

जब भी आप अपने डॉग्स के साथ खलते हैं या डॉग जब खुश होते या मस्ती के मूड मैं होते हैं तो यह आपके हाथों व पैरो को अपने मुह से काटते जिसे हम प्ले बाइटिंग कहते हैं जो आम तौर पर अधिकतर डॉग्स करते हैं। इनकी यह आदत कैसे सुधारें । 

जब भी यह प्ले बाइटिंग करे तो आपको इसके गले पर बंधे पट्टे से कंट्रोल करना पकड़ कर रखना हैं और इसे डाटना हैं नो की कमांड देना हैं जिस से यह समझे फिर आपको अपना हाथ इसके सिर पर रखना हैं जैसे ही यह आपका हाथ को बाइट करे आपको हाथ हटाना हैं और डाँटना हैं तथा गुस्सा करना है मना करने वाली कमांड देते रहना है। जब तक यह प्ले बाइटिंग करना छोड़ते नही है आपको यह रोज करते रहना है। 

यह सीखने मै इसे थोड़ा समय लग सकता हैं मगर यह धीरे- धीरे सीख जायेंगे आपको इसकी आदत डालनी होगी तभी यह प्ले बाइटिंग करना छोड़ेगा। एक महत्वपूर्ण बात जब भी आप प्ले बाइटिंग कि टैनिंग दे तो पट्टे, चैन या लेस की सहायता से बांध कर रखे तथा पास रख कर ही ट्रेनिंग दे नही तो यह इधर उधर भागने लगते हैं। 


5.जर्मन शेफर्ड को कैस कंट्रोल करे। 

दोस्तों आप मैं से कई लोगो के साथ यह समस्या होती होगी की जैसे ही आप अपने जर्मन शेफर्ड डॉग को खोलते हैं तो वह बहुत ज्यादा उत्साहित हो जाता है तथा इधर-उधर भागने व कूदने लगता हैं और आपके कंट्रोल मैं नही आता है।

डॉग्स ऐसा क्यो करते है? 

डॉग्स आपका ध्यान अपनी और खिचने के लिए और आपका अटेंसन पाने के लिए यह करते हैं। 

तो आपके मन मै यह सवाल होगा की इसे कैसे कंट्रोल करे। तो आइये जानते हैं। 

सबसे पहली बात जो आपको ध्यान मैं रखना है जब भी आप इसे खोलते हैं और यह भागने लगता हैं तो आपको इसके पीछे नही भागना है क्योंकि यह यही चाहते हैं की आप इनका पीछा करे उसे पकड़ने की कोसिस करे आपको ऐसा नही करना हैं।

आपको एक जगह खड़े रहना है या बैठ जाना है और इसे बुलाना हैं और अगर आपके बुलाने पर नही आता हैं आप इसे ट्रीट का लालच भी दे सकते हैं जैसे ही यह आपको पास आता हैं आपको इसे बैठने की कमांड देना है। और जैसा की पहले हमने आपको बताया हैं इसे आपको डांटना हैं। 

और इसे फिर से इसे कुछ देर के लिये बांध देना हैं। एवं कुछ देर बाद आपको इसे फिर से खोलना हैं अगर फिर से यह कूदने व भागने कोसिस करता हैं तो आपको इसे डाटना हैं तथा गुस्सा करना हैं। और फिर अगर यह आपकी बात मान जाता हैं आपकी कमांड लेने लगता फिर आप इसे खाने के लिए ट्रीट दे सकते हैं । 

यह प्रक्रिया बार-बार दोहराने से इनके दिमाग मैं एक रूप रेखा तैयार हो जाती हैं की इन्हे ऐसा नही करना हैं तथा आपकी बात माननी है। बस आपको इसे रेगुलर ट्रेनिंग कराने की जरूरत होगी यह आपकी बात फिर बहुत आसानी से मानने। 

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6.जर्मन शेफर्ड पोट्टी ट्रेनिंग टिप्स-german shepherd potty training tips in hindi

पोट्टी ट्रेनिंग हर जर्मन शेफर्ड नस्ल को सिखाना बहुत जरूरी होता हैं क्योंकि अगर यह पोट्टी के लिये ट्रेन नही होंगे तो आपके घर को यकीनन गंदा तथा बदबूदार बना सकते जो की आप बिल्कुल भी नही चाहेगे। तो आइये जानते की कैसे जर्मन शेफर्ड को पोट्टी के लिये ट्रेन करे? 

ट्रेनिंग के बारे मैं जानने से पहले आपको जर्मन शेफर्ड सी जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बात है जिसे जानना आपको लिए आवश्यक है तभी आप अपने जर्मन शेफर्ड डॉग की पोट्टी ट्रेनिंग सही तरीके से कर सकेंगे एवं तभी यह पोट्टी ट्रेनिंग आपके लिए कारगर सिद्ध होगा। 

सबसे पहले आपको अपने डॉग के डाइट प्लेन ध्यान रखना हैं एवं आप कितने बार आपने डॉग को भोजन देते हैं यदि आपका डॉग अभी छेह महीने से कम उम्र का हैं उसे आप दिन मैं तीन बार भोजन दे सुबह जल्दी, दोपहर तथा शाम को सोने से पहले 

और अगर आपको डॉग छेह महीने से अधिक उम्र का हैं तो आप इसे दो टाइम है भोजन दे सुबह जल्दी तथा शाम को सोने से पहले क्योंकि आमतौर पर अधिकतर डॉग्स खाने के बाद पोट्टी करते है

क्योंकि अभी आपका डॉग पोट्टी के लिए ट्रेन नही हैं तो आपको इसे रात मैं बांध कर रखना हैं तथा सुबह जल्दी इसे खोलकर वहाँ लेकर जाइये जहाँ आप इसे पोट्टी कराना चाहते हैं और थोड़ी देर तक वहाँ घुमाइये यही प्रक्रिया आपको शाम को भी दोहराना हैं 

हो सकता हैं की यह पहले- दूसरे दिन यह पोट्टी न करे लेकिन आपको इसे रोजाना सुबह शाम ले कर जाना हैं और कुछ दिनों बाद यह आसानी के साथ बाहर पोट्टी करने लग जायेगा बस कुछ दिनों का समय लगता हैं इनकी यह आदत बनाने मै फिर यह हमेसा पोट्टी व सुसु के लिए बाहर ही जायेगा। 

और जैसे ही पोट्टी करते हैं उसके आधे घंटे बाद आपको इसे भोजन देना हैं और फिर कुछ समय तक फिर खुला छोड़ देना हैं । नही तो यह फिर से पोट्टी कर सकते हैं। 


7.लीश पुलिंग की समस्या पट्टे के साथ चलना शिखाए। 

जब भी आप अपने डॉग को बाहर घूमने के लिए बाहर ले कर जाते हैं तो बहुत जाता एक्साइटेड हो जाता है और इधर उधर भागने लगता हैं चीजो को सुघने लगते हैं। इस समस्या को हम लीश पुलिंग कहते हैं जो की आधिकतर डॉग्स ओनर के साथ यह समस्या होती हैं । ऐसी स्तिथि मै वह आपको गिरा भी सकता हैं तो आइये जानते हैं की इस समस्या को कैसे ठीक किया जाता हैं

रूल#1– जब भी आप डॉग को बाहर घुमाने ले कर जाते तो आपको डॉग को अपने लेफ्ट हैंड साइड पर रखना हैं तथा पट्टा टाइट रखना है जिस से की वह इधर उधर ना जा सके और रोड पर आने जाने वाले गाड़ियों से भी सुरक्षित रहे। 

रूल#2– डॉग यदि पट्टे को खिचने की कोसिस करता हैं या इधर उधर जाने की कोसिस करता हैं तो तुरंत उसे रुकने व बैठने की कमांड देनी हैं और उसे डाटना हैं ग़ुस्सा करना हैं स्ट्रीक्ट रहना है और हमेसा ध्यान रखे की डॉग को आपके साथ बराबरी मैं चलाना हैं । 

रूल#3- जब भी डॉग को घुमाने बाहर ले कर जाए तो हमेसा चलते चलते बीच बीच मैं इसे सीधे चलने की कमांड आपको देते रहना हैं जैसे गो स्ट्रेट, गो स्लो, क्योंकि शुरुवाती दिनो मैं जब आप इसे बाहर ले कर जायेंगे तो यह आपको परेशान कर सकता हैं। कुछ दिनो की ट्रेनिंग के बाद यह बिल्कुल सही तरीके से आपके साथ चलने लगेगा तथा आपकी बात भी मनेगा। 


8.डॉग को पेपर लाना कैसे सिखाये? 

आप से कई लोगो की यह रिकवायरमेंट या इच्छा होती है की अपने जर्मन शेफर्ड डॉग को पेपर लाना भी सिखाया जाए तो आप यह इस आसान तरीके की सहायता से आसानी के साथ अपने डॉग को पेपर लाने के लिए ट्रेन कर सकते हैं। 

पहला स्टेप- सबसे पहले आपको डॉग का पेपर मैं इनट्रस्ट बनाना होगा इनट्रस्ट बनाने के लिए उसके साथ पेपर से खेलिये धीरे- धीरे डॉग का पेपर मैं इनट्रस्ट आ जायेगा। हो सकता है कई बार खेलते खेलते यह पेपर फाड़ भी दे तब इसे आपको डाटना हैं और मना करना हैं । 

दूसरा स्टेप- अब आपको इसे पेपर लाना शिखाना हैं। उसके लिए आपको पहले जहाँ पेपर वाला पेपर डाल कर जाता हैं उसी स्थान पर आपको पेपर फेकना है और डॉग को पेपर लाने की कमांड देनी हैं। हो सकता पहली दूसरी बार मैं यह आपकी बात न सुने लेकिन आपको बार बार पेपर फेकना है और डॉग को लाने की कमांड देते रहना है।

और जैसे ही यह आपको पेपर ला कर देता है इसे सबासी देनी है और खाने को ट्रीट भी देना हैं। यह स्टेप आपको लगातार कुछ दिनो तक दोहराना है । 

तीसरा स्टेप- यह इनकी इस ट्रेनिंग का आखरी स्टेप है जिसमे आपको पहले पेपर रखने के स्थान पर पेपर रखना है बिना डॉग को दिखाये और फिर इसे पेपर लाने के लिए कमांड देना हैं । स्टार्टइंग के दिनो मैं हो सकता हैं यह पूरी तरह आपकी बात नही माने लेकिन रेगुलर प्रेक्टिस कराने पर यह सीख जायेगा। 

एक चीज का आपको विशेष रूप से ध्यान मैं रखना की आपको अपने जर्मन शेफर्ड डॉग की ट्रेनिंग रेगुलर करानी होगी नही तो यह पूरी तरह ट्रेन नही हो पायेंगे। 


दोस्तो हमने अपने इस आर्टिकल मै साधारण लेकिन कारगर तरीको के बारे मैं बताया है जिसकी मदद से आप जर्मन शेफर्ड डॉग को ट्रेन कर सकते हैं। लेकिन अगर आप अपने डॉग को इस से भी अधिक और एडवांस ट्रेनिंग देना चाहते हैं तो नीचे दिये गये विश्वस्तरीय विशेषयगो द्वारा लिखे गये बुक्स की सहायता से कर सकते हैं। 

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