इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं भारत में उपस्थित कुछ इंडियन डॉग ब्रीड्स के बारे में जिसके बारे में शायद बहुत से लोगो को पता नहीं होगा कि भारत में भी विभिन्न प्रकार के पालने योग्य डॉग्स की नस्लें हैं मौजूद हैं।
विदेशी डॉग नस्लों के कारण भारत मैं देसी डॉग के बारे में ज्यादा लोगो को अधिक जानकारी व रुचि नहीं हैं। तथा इसके आलावा हम यह भी जानेंगे कि देसी डॉग के प्रति लोगो का रुझान इतना कम क्यों है गया हैं।
पिछले कुछ दशकों में जिस प्रकार से भारत मैं डॉग के प्रति लोगों की लोकप्रियता बढ़ती जा रहीं हैं। वैसे-वैसे भारत मैं विदेशी डॉग्स ब्रीड्स की डिमांड में भी बहुत तेज़ी से बढ़ोतरी हुई हैं। भारत में विदेशी नस्ल के डॉग्स का कारोबार पहले कि अपेक्षा बहुत बड़ा हो चुका है।
वहीं इसके विपरीत हम बात करे Indian dogs breed की यानी देसी कुत्तों के नस्ल की तो आज भी भारतीय लोग देशी नस्ल के डॉग्स को पालना पसंद नही करते हैं।
जबकि भारतीय कुत्तों की नस्लें विदेशी डॉग नस्लो की अपेक्षा अधिक स्ट्रांग, फुर्तीले व स्वस्थ होते हैं तथा देसी डॉग्स के रख रखाव व देखभाल पर खर्चा भी कम होता है।
भारतीय कुत्तों की नस्ल की लोकप्रियता कम क्यो हैं?
फिल्म,सोशल मीडिया, टेलीविजन तथा फ़िल्म अभिनेता, अभिनेत्रियों द्वारा जिस प्रकार विदेशी डॉग्स के प्रचार चलन व लोगो द्वारा विदेशी कल्चर अपनाएं जाने के कारण विदेशी डॉग्स की लोकप्रियता बढ़ती जा रही एवम् दूसरी और भारतीय डॉग की नस्लों कहीं ना कहीं गुमनाम से हो गए हैं।
टेलीविजन या किसी भी डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म मैं यदि हम कोइ डॉग प्रोडक्ट सम्बंधी विज्ञापन देखते हैं जिसमें हमेशा फिल्मांकन के लिए हमेशा एक विदेशी डॉग का ही उपयोग किया जाता हैं।
जिसके कारण लोगों मन मैं विदेशी नस्ल के प्रति एक विशेष छवि बनती जा रही हैं। जिस वजह से देसी डॉग्स ब्रीड लोकप्रियता विलुप्त सी होती जा रही हैं।
यह भी पढ़े
इंडियन डॉग ब्रीड-indian dog breed names
कोम्बाई-kombai dog
परिचय
कॉम्बाई नस्ल का सबंध मूल रूप से दक्षिण भारत के रामनाड जिले के कोम्बाई शहर से हैं बताया गया हैं इसी वजह से इसका नाम कोम्बाई पड़ा। उस समय इस नस्ल का उपयोग जगली जानवरो के शिकार एवम मवेशियों की उनके सुरक्षा हेतु किया जाता था।
शरीरिक संरचना
कोम्बाई एक शिकारी नस्ल है तो इसके शरीर मध्यम आकार तथा वजन 15-25 किलोग्राम एवं उचाई 20-30 इंच तक होती हैं। और शरीर संरचना मस्कुलर, मजबूत जबड़े तथा यह बहुत फ़ुर्तिले एवं तेज़ होते हैं। थूथन का रंग काला व् बालों का कोट शॉर्ट व शायनि होता हैं तथा बालों का रंग हल्का भूरा, लाल रंग का होता हैं।
स्वभाव
कोम्बाई एक वफादार एवं बहादुर नस्ल हैं तथा यह अपने परिवार व मालिक के प्रति सुरक्षा का भाव रखते है एवम यह हर वातावरण मैं रहने के लिऐ अनुकूल होते हैं व इसका स्वाभाव थोड़ा उग्र होता इसलिए कोम्बाई नस्ल का बचपन से समिजीकरण करना बहुत आवश्यक हैं। नहीं तो यह परिणाम स्वरूप आक्रामक हो सकते हैं।
गद्दी डॉग-Himachali hound dog
परिचय
गद्दी डॉग या लेपर्ड हाउंड भारत की एक बहुत पॉपुलर डॉग ब्रीड हैं जिसकी उत्पत्ति भारत के पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड से हुई थीं
यहां इसे घर की देखभाल रख रखाव व तेंदुए से भेड़ों की रखवाली के लिए पाला जाता हैं। इसे हिमलियन शीप डॉग, हिमालियन गद्दी डॉग के नाम से भी जाना जाता है।
शरीरिक संरचना
गद्दी डॉग आकार में बड़े व शरीर कि बनावट मजबूत व मस्क्युलर हैं बाल बड़े व घने एवम बालों का कोर्ट डबल तथा साइज मीडियम व लॉन्ग होता हैं।
सिर का आकार बड़ा व चेहरे के चारो और बब्बर सेर कि तरह बाल मौजूद होते है।बालो का रंग काला व गर्दन एवं पेट की और भूरा एवम सफ़ेद रंग होता हैं।
स्वभाव
गद्दी डॉग ताकतवर व ऊर्जावान नस्ल हैं यह बहुत अधिक आज्ञाकारी व बुद्धिमान होते हैं। कहा जाता हैं कि चार गद्दी डॉग दो हज़ार भेड़ों को संभानलने में सक्षम होते हैं।
गद्दी डॉग का व्यवहार बहुत सौम्य व शांत होता हैं तथा यह बच्चो से बहुत प्रेम पूर्वक पेश आते है और यह अनावश्यक नही भोंकते हैं। यह जब तक आक्रमक नही होते हैं जॉब कोई इन्हें अत्यधिक परेशान न करे।
यह भी पढ़े – फीमेल डॉग पीरियड साइकिल क्या हैं?
राजपालयम-Rajapalayam dog
परिचय
राजपालयम केनाल क्लब ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त भारत के top indian dog breed मै से एक हैं यह मूल रूप से तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के राजपालयम शहर से इसकी उत्पति बताई जाती हैं । जिसे दक्षिण भारत के राज घरानो मैं भी पाला जाता रहा है। इनका उपयोग घर की रखवाली तथा सुवरो के शिकार के लिए किया जाता था।
शरीरिक संरचना
राजपालयम एक पतले- दुबले एवं बड़े आकार के डॉग हैं जिसकी समान्य ऊँचाई 25-30 इंच तथा वजन 30-45 किलोग्राम तक होता हैं।बालों का कोर्ट शॉर्ट व मुलायम होता हैं तथा बालों का रंग सफेद होता हैं सिर का आकार मध्यम व थूथन लंबी होती हैं एवं नाक गुलाबी रंग का होता हैं।
स्वभाव
राजपालम एक गार्ड हैं लेकिन इनका स्वभाव इसके विपरीत बहुत चंचल होता हैं इन्हे खेलना व मस्ती करना अत्यधिक पसंद होता हैं। यह अपने परिवार व क्षेत्र के प्रति बहुत सेंसिटिव होते हैं तथा अजनबियों को अपने या अपने परिवार के सदस्य के आस पास देख कर अक्रामक हो सकते हैं।
बखरवाल डॉग-Bakharwal dog
बखरबाल डॉग उत्पत्ति भारत के उत्तरी क्षेत्र जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश राज्यों की बताई जाती हैं जहां इसे गुज्जर व बखरबाल जन जातियों द्वारा अपने मवेशियों के झुंड कि सुरक्षा व देखभाल के लिऐ पाला जाता था। इसे कश्मीरी शीप डॉग, गुज्जर डॉग के नाम से भी जाना जाता है।
शरीरिक संरचना
बाखरबाल डॉग की रुप रेखा कुछ कुछ गद्दी डॉग की तरह होती है व आकर यह बड़े होते हैं तथा इसका वजन 70-90 किलोग्राम व उचाई 24-30 इंच तक होती हैं बाल डबल कोर्ट मैं होते है तथा बालो का रंग भूरे काले व सफ़ेद मिक्स होते है। एवम पूछ पर अधिक बाल होते हैं।
स्वभाव
बखरबाल एक अच्छे संरक्षक व वफादार नस्ल के रूप में जाने जाते हैं जो अपने मालिक व परिवर के प्रति पूर्ण रुप से समर्पित होते है। बखरबाल एक गार्ड डॉग होने एक साथ अच्छे खिलाड़ी डॉग भी होते हैं जिन्हें दौड़ना भागना व शारिरीक गतिविधियां करना बहुत अच्छा लगता है।
कन्नी डॉग-Kanni dog
परिचय
कन्नी डॉग ब्रीड तमिलनाडु राज्य के थूडकुटी तिरुनेल्वेली डिस्ट्रिक्ट की है जिसे घर व खेतो की देखभाल व जंगली जानवरों के शिकार के लिऐ किया जाता था। कन्नी नाम का अर्थ होता है जवान यंग, शुद्ध जो कि इसे इसके वफादारी एवं फुर्तीलेपन की वज़ह से मिला हैं
शरीरिक संरचना
कन्नी डॉग मध्यम आकार के फुर्तीले व शक्तिशाली डॉग हैं जिनकी ओसतान उच़ाई 25-30 इंच तथा वज़न 16 से 22 किलोग्राम तक होता है व बालो का कोर्ट शॉर्ट होता हैं तथा यह ब्लैक, टेन रंग में पाएं जाते है एवम कुछ कन्नी डॉग्स के गर्दन व पैरो में सफ़ेद रंग भी होता है। ठंडे मौसम के अलावा यह हर वातावरण मैं रहने के अनुकूल होते हैं।
व्यवहार
कन्नी डॉग बहुत साहसी वा वफादार नस्ल हैं यथा यह घर की रखवाली व पालने के लिऐ बिल्कुल उपयुक्त होते हैं। फुर्तीले होने के कारण घूमने व खेलने के लिऐ हमेसा तैयार रहते हैं तथा यह अजनबियों के प्रती थोड़े सजक व शर्मीले होते हैं।
यह भी पढ़े – पग डॉग की कीमत तथा मासिक खर्च
परिह डॉग-Pariah dog
परिह डॉग या परिश डॉग भारत मैं इसे अधिकांस लोग देसी कुत्ते डॉग के नाम जानते हैं तथा यह आपको आसानी से अपने आस पास देखने को मिल जायेंगे परिह डॉग की उत्पत्ति भारत देश की हैं तथा यह नस्ल भारत के सीमा से जुड़े अन्य पड़ोसी देशों मैं भी पाई जाती हैं।
शरीरिक संरचना
परिह डॉग मध्यम आकर के होते हैं जिनका वजन 25-30 किलोग्राम एवं उचाई 20-25 इंच तक होता है।तथा बालों का डबल होता हैं ऊपरी कोट मोटा व चिकना होता हैं तथा अंधरूनी कोट नरम होता हैं।
सामान्यतः बालों का रंग भूरा होता हैं तथा कुछ का रंग गहरा लाल या फ़िर काले- सफ़ेद, चितकबरे भी हो सकते हैं। सिर का आकार भी समान्य होता हैं आँखे गहरे भूरे रंग की होती हैं।
यह हर मौसम व वातावरण मैं रहने योग्य होते हैं तथा इन्हे अन्य डॉग्स नस्ल की अपेक्षा कम देखभाल की आवश्यकता होती हैं। एवं परिह डॉग के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती हैं। जिसके परिणाम स्वरूप यह कम किसी प्रकार की बीमारी या संक्रमण का खतरा कम होता हैं
यह बहुत दुःखद बात हैं की अधिकांश परिह डॉग की मौत गाड़ियों व ट्रेन से दुर्घटना एवं भोजन न मिलने के कारण से होती हैं।
स्वभाव
परिह डॉग अत्यंत बुद्धिमान साहसी व विश्वशनीय नस्ल है जो अपने परिवार व मालिक के प्रति अपने जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से समझते हैं। यह बहुत जल्द आपके परिवार के अनुरूप ढल सकते हैं यदि आप एक परिह नस्ल को बचपन से पालते है तो यह सरलता पूर्वक इसे बहुत अच्छे से ट्रेन कर सकते है तथा बहुत कुशलता के साथ इनका सामजीकरण किया जा सकता हैं।
रामपुर ग्रेहाउंड डॉग-Rampur Greyhound
परिचय
रामपुर हाउंड डॉग भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के रामपुर जिले की देसी ब्रीड हैं इस नस्ल की उत्पत्ति बीसवीं शताब्दी में रामपुर के नवाब अहमद अली ख़ान बहादुर द्वारा ताजिस अफ़ग़ान और इंगलिश ग्रेहाउंड डॉग की क्रॉस ब्रीडिंग करवा कर कि गई थी।
रामपुर हाउंड डॉग एक एक उच्च कोटी के शिकारी है तथा उस समय इस नस्ल का उपयोग मुख्यता शिकार व घरों की देखभाल के लिए किया जाता था। रामपुर ग्रेहाउंड डॉग अपनी तेज़ी के लिऐ भी पुरे विश्व मैं मशहूर हैं।
शरीरिक संरचना
रामपुर ग्रेहाउंड हस्ट पुष्ट पतले तुबले व बेड आकार के डॉग ब्रीड हैं। एक स्वस्थ व पूर्ण रुप से विकसित ग्रेहाउंड का वजन 25-30 किलोग्राम तथा उचाईं 24-30 इंच तक होती हैं। बाल सिंगल व शॉर्ट कोट मैं होते हैं एवम यह काले, सफ़ेद, ग्रे, लाल रंग में पाएं जाते हैं। सिर का आकार मध्यम थूथन लंबी होती है तथा पूछ पतली लंबी व मुड़ी हुई होगी हैं
स्वभाव
रामपुर ग्रेहाउंड एक स्वस्थ,तंदरुस्त व खुश मिजाज नस्ल हैं वैसे तो यह मूल रूप से शिकारी डॉग हैं लेकिन यह संपूर्ण रूप से सामाजिक व एक परिवार में पालने के योग्य होते है। अन्य शिकारी नस्लों की तरह यह इतने आक्रामक नहीं होते हैं।
यह अत्यधिक बुद्धिमान व समझदार डॉग हैं एक अच्छे धावक होने के साथ-साथ यह बहुत कुशल गार्ड डॉग भी होते हैं।