पोमेरियन डॉग जिसे पॉम डॉग या पवेलियन डॉग के नाम से भी जाना जाता हैं समय के साथ लोगो ने इसके नाम मैं कई बदलाव किए लेकिन इसका वास्तविक नाम पोमेरेनियन है।
यह टॉय श्रेणी मैं आने वाली एक छोटी नस्ल की डॉग है यह भारत और कई अन्य देशों मैं एक लोकप्रिय नस्ल के रूप मै जानी जाती है यह अपने छोटे आकर और मनमोहक लंबे और घने बालों के कारण इतने ज्यादा पसंद किए जाते हैं।
विषयसूची
पवेलियन डॉग का इतिहास।
पवेलियन यानी की पोमेरियन डॉग का मूल देश जर्मनी माना जाता है पोमेरियन डॉग को जर्मन स्पिट्ज कुत्तों का वंशज माना जाता हैं। तथा पोमेरियन नाम इस नस्ल की उत्पति स्थल के नाम से पड़ा दरअसल जर्मनी के जिस स्थान पर पोमेरियन नस्ल की उत्पत्ति हुई है वह स्थल पोमेरेनिया के नाम से जाना जाता है।
पोनेरियन नस्ल के लोकप्रिय होने का श्रेय इंग्लैंड के शाही परिवारों को दिया जाता है 17वी 18वी शताब्दी के दौरा रानी विक्टोरिया एक पोमेरियन नस्ल का कुत्ता था जिसके कारण यह वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो गए।
1891 मैं इंग्लैंड मैं प्रथम पोमेरियन क्लब की स्थापना की गई तथा नस्ल के मानकों को स्थापित किया गया इसके कुछ समय बाद ही पोमेरियन नस्ल का पहला सदस्य सन 1898 मैं अमेरिकन केनाल क्लब मैं शामिल किया गया।
पोमेरियन डॉग अमेरिका को सबसे लोकप्रिय कुत्तों की श्रेणी मैं पिछले कई वर्षो से 15 शीर्ष के नस्लों मैं शामिल हैं।
पोमेरियन डॉग स्वाभाव।
पोमेरियन एक आकर्षक चंचल और मजेदार नस्ल है यह आपके घर मैं बेहद उछल कूद कर सकते हैं यह अजनबियों के प्रति थोड़े सतर्क और संवेदनशील होते है एवम अजनाबियो को अपने आस पास देख कर भौंकने लगते हैं।
यह स्वाभाव मैं मस्तीखोर होते जिन्हे उचित शिक्षा और प्रशिक्षण देने की आवश्यकता होती है यह खिलौने के प्रति अति उत्साहित और जिद्दी होते है यदि आपके घर मैं छोटे बच्चे तो खिलौनों को लेकर आपस मै तनाव हो सकते है।
पोमेरियन नस्ल काफी जिज्ञासू और सतर्क होते यही खासियत इन्हे एक प्रहरी कुत्ते के रूप मै प्रदर्शित करता हैं खोजने की जिज्ञासा इन्हे नई चीजों ओर लोगो के पीछे आकर्षित कर सकती हैं।
नए लोगो को देख कर एवम अकेले होने पर यह अत्यधिक भौंकते हैं जिसे काबू करने के लिए इसे आज्ञाकारी और प्रशिक्षित करना जरूरी हैं।
पोमेरियन डॉग स्वास्थ्य
वैसे तो पोमेरियन डॉग एक स्वस्थ्य नस्ल है लेकिन अन्य नस्लों की तरह ही इसे भी अनुवांशिक स्वास्थ्य समस्याएं होती है जो की इसे अपने पूर्वजों से प्राप्त हुई है।
यदि आप पोमेरियन अपनाने का सोच रहे है तो आपको इन रोगों के बारे मैं पूर्ण रूप से परिचित होना जरूरी हैं।
1. एलर्जी
एलर्जी एक ऐसी समस्या है जिससे की पोमेरियन डॉग जल्दी प्रभावित हो सकते है यह एलर्जी इन्हे खाद्य पदार्थों से या सौंदर्य उत्पाद सैंपू, साबुन,पाउडर इत्यादि से हो सकते हैं एलर्जी का प्रभाव इसके बाल,त्वचा पर दिख सकता है एलर्जी होने पर पशु चिकित्सक की देख जरूरी उपचार ले।
2. आंखो की समस्या
पोमेरियन डॉग्स मैं आंखो की समस्या देखने को मिलती हैं आंखों की समस्याओं मोतियाबिंद,आंखो मैं सूखापन,आंखों मैं लालिमा आ जाना शामिल हैं यह समस्या अधिकतर व्यस्क पोमेरियन डॉग्स मैं देखने को मिलता है इस समस्याओं का उपचार यदि सही समय पर न किया जाए तो आपका प्यारा पोमेरियन हमेशा के लिए अंधा हो सकता हैं।
3.हिप डिस्प्लेसिया
हिप डिस्प्लेसिया एक बहुत ही आम लेकिन पीड़ादायक समस्या है जो की पोमिरियन डॉग्स मैं देखने को मिलती हैं यह एक अनुवांशिक समस्या है को की पोमेरियन को विरासत मैं अपने पूर्वजों से मिल सकती हैं या फिर भोजन मैं पोषक तत्वों की कमी के कारण हो सकता है।
हिप डिस्प्लेसिया मैं पिछले कूल्हे के जोड़ प्रभावित होते है जिसका उपचार पशु चिकित्सक से सही समय पर किया जाना जरूरी होता है नही तो लगड़ेपन की समस्या देखने को मिल सकती हैं।
4. दांतों की समस्या
दांतो की समस्या से भी अधिकांस पोमेरियन प्रभावित होते है यह समस्याएं मसूड़ों को दिक्कत पहुंचा सकती है एवम कई पोमेरियन डॉग्स मैं कम उम्र मैं ही दांत झड़ने संभावना हो सकती हैं। इससे बचाव हेतु नियमित अंतराल पर चिकत्सक से जांच करवाना आवश्यक होता हैं।
5. मिर्गी
मिर्गी की समस्या भी पोमेरियन नस्ल मैं देखने को मिलती हैं यदि पोमेरियन नस्ल के माता पिता या पूर्वज मिर्गी से पीड़ित थे तो यह स्वाभाविक है की उसे भी यह रोग होगा। यदि मिर्गी के दौरे पोमेरियन मैं देखने को मिलते हैं चिकित्सक द्वारा सुझाया गया उपचार करवाए।
6.लेग-पर्थेस रोग
लेग-पर्थेस रोग यह भी हिप डिस्प्लेशिया की तरह ही कूल्हे की हड्डियों से जुड़ी बीमारी हैं पोमेरियन जेसे छोटी नस्लों मैं देखने को मिलती हैं यह रोग पोमेरियन के पिछले पैरो को प्रभावित करती हैं इस रोग के लक्षण पैरो मैं पगडापन है जो कि सामान्यतः 5 से 6 महीने की आयु मैं देखने को मिलते हैं।
पवेलियन डॉग देखभाल
पोमेरियन एक स्माल साइज डॉग ब्रीड है जिन्हे आप एक छोटे घर और अपार्टमेंट मैं आसानी के साथ रख सकते हैं शारीरिक गतिविधि और खेल कूद करने के लिए इन्हे ज्यादा बड़े स्थान की अवश्यकता नही होती हैं।
क्योंकि यह एक फैमिली डॉग है तो इसे आपको पर्याप्त समय देने की ओर इसके साथ खेलने की भी आवश्यकता होती है यह गर्म मौसम के प्रति स्वेदनशील होते है जिसकेलिए इन्हे गर्म मौसम मैं विशेष देखरेख की जरूरत पड़ती हैं।
क्योंकि यह आकार मैं छोटे होते तो इन्हे ज्यादा घुमाने और व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं होती हैं ज्यादा अधिक दूरी का सैर इनके लिए थकान दायक हो सकता हैं।
यह किसी भी कार्य या खेल से बहुत जल्दी ऊब जाते जिसके लिए आपको इसे समय अंतराल मैं कुछ नई गतिविधियां और खिलौने देने की आवश्यकता होती है।
इसके अतिरिक्त पोमेरियन डॉग के बाल भी बड़े और लंबे होते है जिसकी देखरेख भी आवश्यक है क्योंकि इसकी सुंदरता इसके बालो से ही होती हैं बालो को नियमित रूप से ब्रशिंग और साफ सफाई की आवश्यकता होती हैं।
इन सभी चीजों के साथ आपको पोमेरियन नस्ल को जरूरी शिक्षा और प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पड़ेगी।
पोमेरियन डॉग भोजन।
एक अच्छे मालिक होने के नाते आपकी यह जिम्मेदारी है की आप पोनेरियन डॉग एक पोष्टिक तत्वों से समृद्ध भोजन उपलब्ध कराए क्योंकि यह आकार मैं छोटे है तो इन्हे कम मात्रा मैं भोजन की अवश्यकता होती हैं।
लेकिन भोजन की मात्रा पोमेरियन के उम्र आकार और उसके पाचन स्तर के अनुसार अलग अलग हो सकती हैं।
पोमेरियन के बेहतर विकास के लिए एक उच्च गुणवत्ता वाले आहार की अवश्यकता होती है जो की शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करे।
ज्यादा अधिक मात्रा मैं इन्हे भोजन देना भी सही नही होता यह अधिक भोजन के कारण यह ओवरवेट और आलसी हो सकते हैं जिससे बचाव हेतु इसे घुमाना और व्यायाम करना बेहद जरूरी हैं।
पोमेरियन शारीरिक संरचना
एक व्यस्क पोमेरियन डॉग का वजन 2 से 4 किलोग्राम तक होता हैं तथा ऊंचाई 7 से 12 इंच तक होती हैं पोमेरियन डॉग्स मुख्य रूप से काला, भूरा, लाल, नारंगी, क्रीम, नीला, काला और तन, भूरा रंगों मैं देखने को मिलते हैं।
पर ज्यादातर पोमेरियंस डॉग नारंगी, काला, या क्रीम/सफेद रंगो मैं देखने को मिलते है। पोमेरियम डॉग के बाल डबल कोट मैं होते है अदरूनी को छोटा और नरम और मोटा होता है एवम बाहरी कोट लंबा और सीधा होता है लेकिन कठोर।