गोल्डन रिट्रीवर डॉग यह पूरे विश्व मैं एक लोकप्रिय और चर्चित डॉग ब्रीड है जिसे हर एक डॉग प्रेमी पालना पसंद करता हैं। गोल्डन रिट्रीवर एक बेहतरीन नस्ल है जो की एक फैमिली डॉग के रूप मैं समृद्ध होते है।
भारत मैं गोल्डन रिट्रीवर डॉग बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म एंटरटेनमेंट के माध्यम से बहुत ज्यादा पॉपुलर हुए जिसके कारण भारत मैं इसकी लोकप्रियता ओर अधिक बढ़ गई।
गोल्डन रिट्रीवर डॉग दिखने मैं बहुत आकर्षक और सुंदर लगते है यह अपने रंग रूप ओर व्यव्हार से किसी भी व्यक्ति को अपना दीवाना बना ले।
विषयसूची
गोल्डन रिट्रीवर इतिहास।
गोल्डन रिट्रीवर को विकसित करने के लिए ट्वीड वाटर स्पैनियल ओर ब्रिटिश कुत्तों की नस्लों के साथ क्रॉस ब्रीड कर विकसित किया गया था।
विकिपीडिया मैं दिए गय जानकारी के अनुसार गोल्डन रिट्रीवर को विकसित करने के लिए सर्वप्रथम मार्जोरिबैंक्स ने सन 1868 मैं नूस नामक एक रिट्रीवर डॉग को बेले नामक ट्वीड वाटर स्पैनियल फीमेल डॉग के साथ क्रॉस किया गया इसके बाद वह चार पिल्लों को जन्म देती है प्रिमरोज़, एडा, कासलिप और क्रोकस।
इसके बाद कासलिप फीमेल डॉग को ट्वीड नामक एक ट्वीड वाटर स्पैनियल डॉग के साथ क्रॉस कराया गया जिसके बाद टॉपी नामक फीमेल डॉग पैदा हुई।
ऐसे ही मार्जोरिबैंक्स अलग अलग नस्लो के साथ प्रयोग करके गोल्डन रिट्रीवर नस्ल को 19वी सदी मैं विकसित किया।
गोल्डन रिट्रीवर फोटो।Golden retriever photos
गोल्डन रिट्रीवर स्वभाव
किसी भी डॉग का स्वभाव उसके चरित्र को स्थापित करता है तथा गोल्डन रिट्रीवर एक शांत और मधुर स्वभाव वाली नस्ल है एवम यह अपने इसी स्वभाव के कारण इतने ज्यादा लोकप्रिय है और लोगो द्वारा पसंद किए जाते हैं।
1. गोल्डन रिट्रीवर डॉग अपने मालिक और परिवार के प्रति बहुत वफादार और समर्पित होते हैं तथा अपने मालिक के आज्ञा का पूर्ण रूप से पालन करते हैं।
2.गोल्डन रिट्रीवर को सभ्य और आज्ञाकारी बनाने के लिए इसे छोटी उम्र से ही जरूरी ट्रेनिंग देना भी बहुत आवश्यक होता हैं। गोल्डन रिट्रीवर एक बुद्धिमान और समझदार नस्ल है जिसे प्रशिक्षित करने मै ज्यादा अधिक समस्या नहीं होती हैं।
3.गोल्डन रिट्रीवर डॉग अपने मालिक और परिवार का स्नेह और दुलार पाने के लिए बेहद उत्सुक होते है तथा आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए अलग अलग क्रियाएं कर सकते हैं।
4. गोल्डन रिट्रीवर एक फैमिली डॉग ब्रीड है जिन्हे अपने मालिक के साथ घर के अंदर रहना पसंद होता हैं इसे आप अकेले एक स्थान पर बाध कर नही रख सकते ऐसा करने पर यह मायूस और उदास हो जाते हैं।
5.गोल्डन रिट्रीवर डॉग बच्चों के साथ बड़े कोमल और उत्साही स्वभाव के होते हैं यह बच्चो के साथ खेलना और उद्यम करना बहुत प्रिय होता हैं।
6.अन्य नस्लों की तरह ही गोल्डन रिट्रीवर डॉग बॉल, चाउ टॉय, अख़बार और कई अन्य खिलौने के साथ खेलने के लिए बहुत उत्साही होते है तथा उन्हें अपने मुंह मै दबाकर कर आपके पास लाने मैं गोल्डन रिट्रीवर को बहुत खुशी होती हैं।
गोल्डन रिट्रीवर डॉग देखभाल।
जब भी हम कोई नस्ल पालते है तो हमे उसे एक सही देखभाल और परवरिश देने की अवश्यकता होती हैं जिससे की वह शारीरिक और मानसिक रूप से एक बेहतरीन और अच्छी नस्ल के तौर पर तैयार हो सके।
1.बाकी अन्य डॉग ब्रीड्स की तरह ही गोल्डन रिट्रीवर को एक सही प्रशिक्षण और सामाजिक पहचान कराने की आवश्यकता होती है जिससे की वह सभ्य और आज्ञाकारी बन सके एवम सामाजिक पहचान इन्हे बाहरी दुनिया से परिचित करता हैं तौर तरीके सिखाता हैं।
2. गोल्डन रिट्रीवर एक लंबे और घने बाल वाली डॉग ब्रीड है जिसके बालों का रंग सुनेहरा होता है तथा एक गोल्डन रिट्रीवर डॉग की शोभा उसके बालों से ही होती है तथा एक जिम्मेदार डॉग ओनर होने के नाते आपको इसके बालो पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
गोल्डन रिट्रीवर के बालो को नियमित अंतराल मैं ब्रशिंग और साफ करने की जरूरत होती है जिससे की यह साफ और उलझन मुक्त रहे।
लंबे बाल होने के कारण इसके बाल आपको आपके पूरे घर मैं देखने को मिल सकते हैं साल मैं दो बार शेडिंग के दौरान इसके बाल भी सामान्य की अपेक्षा अधिक झड़ते हैं।
3.गोल्डन रिट्रीवर नस्ल पूर्ण रूप से एक फैमिली डॉग ब्रीड है जिसे आपको एक सदस्य के रूप मै अपनाने की आवश्यकता होती है एवम इसके साथ परिवार के सदस्य की तरह ही व्यवहार करने की जरूरत होती है।
इन्हें अपने मालिक और परिवार के साथ रहना पसंद होता है आ इसे घर से दूर डॉग हाउस या घर के बाड़े मैं न रखे।
4.गोल्डन रिट्रीवर एक सक्रिय नस्ल है जिन्हे रोजाना घुमाने और व्यायाम कराने की जरूरत होती है जिससे की यह स्वस्थ्य और एक्टिव बने रहे।
5. गोल्डन रिट्रीवर डॉग को भोजन करना बहुत अधिक पसंद करते है तथा यह आपको दिन मैं कई बार खाने के लिए पुकार सकते हैं लेकिन आपको इसके भोजन के साथ इसके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना हैं।
अधिक भोजन देने के कारण अनावश्यक रूप से इनका वजन बढ़ सकता हैं जिसके लिए आपको इसे नियम अनुसार भोजन देने की आवश्यकता होती है।
6. गोल्डन रिट्रीवर डॉग को बच्चो से बहुत अधिक प्रेम होता है तथा यह उनके साथ खेलने के लिए बेहद उत्सुक होते है तथा आपकी अनुपस्थिति मै यह बच्चो के साथ मिलकर शैतानी कर सकते हैं या घर की चीजों को नुकसान पहुंचा सकते है।
जिसके लिए आपको इसे जरूरी ट्रेनिंग देने की आवश्यकता होती हैं। ट्रेनिंग के साथ ही साथ आपको इसे घर के ऐसे स्थान पर जहां पर यह नुकसान पहुंचा सकते है वहां जाने से प्रतिबंधित करना होगा।
7. गोल्डन रिट्रीवर चार से सात महीनों के बीच बहुत तेजी से बढ़ते है तथा इस उम्र मैं हड्डियों से संबंधित विकारों के प्रति बहुत स्वदेनशील होते है जिससे बचाव के लिए इन्हे फुटपाथ,पक्की सड़क और सख्त सतहों पर दौड़ने और खेलने से बचाए।
8. गोल्डन रिट्रीवर के दातों को भी नियमित अंतराल मैं साफ करने की आवश्यकता होती हैं सप्ताह मैं कम से कम तीन बार गोल्डन रिट्रीवर के दांतो को ब्रश के माध्यम से साफ करें।
9. गोल्डन रिट्रीवर के नाखूनों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है क्योंकि यह भी अनावश्यक रूप से लंबे हो सकते है नाखूनों को महीने मैं एक से दो बार ट्रिम करने की जरूरत होती हैं। ट्रिम करने के लिए आप पशु चिकित्सक या किसी पेशेवर ग्रूमर की सहायता ले सकते है।
गोल्डन रिट्रीवर भोजन
एक गोल्डन रिट्रीवर को पालने के साथ उसे एक बेहतर और पौष्टिक भोजन देने की जिम्मेदारी भी एक डॉग की होती हैं एक पौष्टिक तत्वों से भरपूर भोजन गोल्डन रिट्रीवर का पेट भरने के साथ उसके स्वास्थ्य और विकास वृद्धि दर को भी सुनिश्चित करता हैं।
1.गोल्डन रिट्रीवर को आपको उसके उम्र के अनुसार भोजन देने की आवश्यकता होती हैं छोटी उम्र जो की गोल्डन रिट्रीवर डॉग के लिए तेजी से बढ़ने वाली उम्र होती है जिसमे इसे एक उच्च पोषण वाले वाले भोजन की आवश्यकता होती हैं।
2.तथा एक बड़ी उम्र वाले डॉग को आपको एक संतुलित आहार देना होता जो की इसके स्वास्थ्य के लिए बेहतर हो एवम उसने सभी पोषक तत्त्व संतुलित मात्रा मैं उपस्थित हो जो की शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने के साथ वजन को भी नियंत्रित करें।
3.भोजन देने के साथ आपको यह भी देखना है की आपका डॉग कितना भोजन खाता है ऐसा न हो की आप उसे अधिक भोजन दे रहे है जिसे वह खाने के बाद बचा दे। तथा इस भी न हो की आप उसे कम भोजन दे जिसकी वजह से वह भूखा रह जाय।
भोजन देने के साथ आप अपने अनुमान से भोजन की मात्रा निर्धारित कर ले एवम एक छोटी उम्र वाले डॉग को दिन मैं दिन मैं तीन से चार बार भोजन दे तथा छः महीने से बड़े गोल्डन रिट्रीवर को दिन मैं दो से तीन बार भोजन दे।
4.यदि आप अपने गोल्डन रिट्रीवर डॉग को घर का भोजन देते है तो उसमे पोषक तत्वों की मात्रा को संतुलित रखना आपके लिए थोडा मुस्किल ओर मेहनत भरा कार्य हो सकता हैं।
लेकिन आप यदि एक रेडिमेड डॉग फूड का चयन करते है आपको गोल्डन रिट्रीवर के उम्र आकार और वजन के अनुसार भोजन आसानी से मिल जायेगा जिसमे की सभी जरूरी पोषक तत्व उपस्थित होगे।
लेकिन एक रेडिमेड डॉग फूड खरीदते समय उसमे उपस्थित पोषक तत्वों की पुष्टि और लोगो द्वारा दिए गए रिव्यू पर भी गौर करें।
ध्यान रहे: गोल्डन रिट्रीवर की भोजन की मात्रा उसके उम्र,आकार और पाचन शक्ति के अनुसार अलग अलग हो सकती हैं।
गोल्डन रिट्रीवर स्वास्थ्य।
वैसे तो गोल्डन रिट्रीवर एक स्वस्थ्य डॉग ब्रीड है लेकिन बाकी अन्य नस्लों की तरह ही यह भी कुछ अनुवांशिक स्वास्थय समस्यायों से प्रभावित होते है जो की इन्हे अपने पूर्वजों द्वारा विरासत मैं मिली हुईं हैं।
तथा एक गोल्डन रिट्रीवर डॉग अपनाने या पालने से पहले इन स्वास्थ्य समस्यायों से हमे अवगत रहना बेहद जरूरी हैं।
1. एलर्जी
गोल्डन रिट्रीवर डॉग एलर्जी के प्रति अति स्वेदनशील होते है तथा बहुत जल्दी भोज्य पदार्थों से या पराग कणों से भी एलर्जी के शिकार हो सकते है।
2.वॉन विलेब्रांड रोग
वॉन विलेब्रांड रोग गोल्डन रिट्रीवर को विरासत मैं मिली एक अनुवाशिक बीमारी है जो की रक्त का थक्का बनने की क्रिया को प्रभावित करती हैं जिसके परिणाम स्वरूप डॉग को चोट लगने पर सामान्य की अपेक्षा अधिक रक्तस्राव(अधिक खून बहना) होता हैं।
इसके अलावा वॉन विलेब्रांड रोग मैं गोल्डन रिट्रीवर डॉग के नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना जेसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
3. मिर्गी
मिर्गी को समस्या भी गोल्डन रिट्रीवर नस्ल मैं देखने को मिल सकती हालाकि यह रोग सभी गोल्डेन रिट्रीवर्स मैं नही होती है लेकिन यदि आपके डॉग मैं मिर्गी के दौरे देखने को मिलते है तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करे और जरूरी उपचार करवाए।
4.हाइपोथायरायडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म की समस्या गोल्डन रिट्रीवर डॉग मैं देखने को मिल सकती है यह थायराइड ग्रंथि मैं होने वाला रोग है जिससे ग्रसित होने पर गोल्डन रिट्रीवर मैं मिर्गी के दौरे,मोटापा, बालों का झड़ना, शरीर मैं सस्ती जेसे लक्षण देखने को मिलते है तथा इसके अलावा त्वचा पर काले रंग के धब्बे भी हो सकते हैं।
5.हिप डिस्प्लेसिया
हिप डिस्प्लेसिया डॉग्स मैं होने वाली एक अनुवांशिक समस्या है जिससे की अधिकतर नस्ल प्रभावित होते हैं। तथा गोल्डन रिट्रीवर भी इस समस्या से पीड़ित हो सकते है।
हिप डिस्प्लेसिया एक ऐसी स्थिति होती है जिसमे की गोल्डन रिट्रीवर के पिछले कूल्हे प्रभावित होते है जिसके कारण पिछले पैरो मैं लगड़ापन ओर दर्द जैसी दिक्कतें देखने को मिलती है।
6.मोतियाबिंद
मोतियाबिंद की समस्या जो की गोल्डन रिट्रीवर मैं देखने को मिलती है यह दिक्कत बड़े उम्र के गोल्डन रिट्रीवर डॉग मैं अधिकतर देखने को मिलते है लेकिन कुछ मामलों यह व्यस्क डॉग्स मैं भी हो सकते है जिससे बचाव के लिए पशु चिकित्सक से जरूरी सलाह और उपचार जरूरी है।
गोल्डन रिट्रीवर शारीरिक संरचना।
गोल्डन रिट्रीवर डॉग एक मध्यम आकार वाली है तथा एक व्यस्क गोल्डन रिट्रीवर का वजन 25–35 किलोग्राम एवम हाईट 55–61 सेंटीमीटर तक हो सकती हैं।
सिर मध्यम आकार का होता है तथा आंखे गहरी और अंदर की ओर होती है थूथन चौड़ा और मजबूत होता है एवम बड़ी और काले रंग की होती है।
कान सिर के समांतर मैं सामने की ओर लटके हुए होते है तथा कानो की लंबाई ज्यादा अधिक नही होती हैं।
गर्दन ढीली ढाली और बालो से ढकी हुई होती हैं
तथा गर्दन के बाल छाती तक पहुंचते है।
छाती मध्यम आकार की होती है जो की उभरी हुई होती हैं एवम पीट सपाट होती हैं।
गोल्डन रिट्रीवर की पूछ लंबी और सीधी होती है जो एक घने बालों से ढकी हुई होती है।
बालो का कोट डबल होता है अदरूनी कोट घना होता है जो की इसे मौसम के प्रभावों से बचाता है एवम बाहरी कोट लंबा लहरों के आकार मैं होता हैं।
गोल्डन रिट्रीवर मुख्य रूप से गोल्डन और क्रीम कलर मैं ही देखने को मिलते हैं।