कुत्तो मैं बुखार का उपचार लक्षण व् कारण।Dog fever treatment in hindi

बुखार कुत्तों में होने वाली एक सामान्य और आम समस्याओं में से एक है जिससे वह अपने जीवनकाल मैं कई बार प्रभावित हो सकते है बुखार के दौरान कुत्ते के शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। वैसे तो कुत्तों मैं होने वाले आम बुखार का ईलाज सामान्य चिकित्सा से किया जा हैं। 

 

लेकिन कुत्तों मैं होने वाले बुखार के विभिन्न कारण या फिर कोई बीमारी भी हो सकती है जिसकी पुष्टि व उचित परामर्श और उपचार बेहद जरूरी है। बुखार कुत्तों मैं होने वाली बीमारी जैसे दस्त, पर्वो वायरस, डायरिया के लक्षणों के रूप में भी हो सकता है

 

इसके अलावा इसके कई अन्य कारण भी हो सकते है तथा कुछ मामलों मैं स्थिति बड़ी नाजुक भी हो सकती है जिससे बचाव के लिए तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना आवश्यक होता है।

 

कुत्तों मैं बुखार के कारण

वैसे तो कुत्तों को बुखार समान्य अवस्था मैं भी हो सकता है लेकिन कई मामलो मैं कुत्ते को बुखार होने के कारण भिन्न भिन्न हो सकते है तो कुछ समान्य कारण है जिनके वजह से कुत्ते को बुखार हो सकता है तो आइये जानते है

संक्रमण

संक्रमण एक बहुत ही आम कारण है कुत्तों में बुखार होने का संक्रमण वायरल या बैक्टीरियल किसी भी प्रकार का हो सकता हैं या इसके अतिरिक्त मूत्र मैं संक्रमण होने के कारण से भी कुत्ते को बुखार हो सकता है।

 

रोग

यदि आपका कुत्ता किसी प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उसके प्रभाव से भी कुत्ते को बुखार आ सकता हैं बात करें कुत्तों को होने वाले गंभीर रोगों की तो पर्वो वायरस,डायरिया या फिर सामान्य उल्टी और दस्त के कारण भी कुत्ते को बुखार आ सकता है।

 

टीका करण

टीकाकरण होने के पश्चात भी कई कुत्तों को बुखार आ सकता है जो की टीकाकरण के दो दिनों के अंदर होता है टीकाकरण के बाद कुत्ते को बुखार होना टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिक्रिया का परिणाम होता है जो की सामान्यतः अधिकतर कुत्तों में देखने को मिलता है।

 

अनावश्यक चीजें

कई बार कुत्ते कुछ अनावश्यक बाहर की चीजें खा लेते है या फिर हम उन्हे गलती से खिला देते है जिसके कारण भी कुत्ते को बुखार आ सकता है।

 

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कुत्तों मैं बुखार के लक्षण

कुत्ते को बुखार है या नही इसका पता लगाने का सबसे प्रचलित और आसान तरीका है थर्मामीटर की सहायता से उसके शरीर का तापमान मापना लेकिन यदि आपके पास थर्मामीटर मौजूद नहीं है तो आप कुछ लक्षणों की पहचान कर कुत्तों में होने वाले बुखार का पता लगा सकते है यह लक्षण बुखार के दौरान कुत्तो मैं देखने को मिलते है। 

  • गर्म शरीर
  • नाक गर्म होना, नाक मैं रूखापन 
  • नाक से पानी निकालना
  • शरीर सुस्त पड़ना
  • खाना नही खाना
  • एक ही स्थान पर लेटे रहना
  • ऑंखें उदासीन हो जाना
  • ख़ासी

 

कुत्ते का तापमान

जिस प्रकार बुखार के दौरान हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है उसी प्रकार से कुत्ते के शरीर का तापमान भी समान्य से अधिक हो जाता है तो एक समान्य कुत्ते के शरीर का तापमान कितना होता है? समान्य स्थिति मैं कुते के शरीर का तापमान 100 फेरेन्हाईट से 103 फेरेन्हाईट तक होता  है यदि तापमान इस से अधिक या फिर कम होता है तो यह चिंताजनक बात है।

 

कुत्ते के शरीर का तापमान कैसे ले

यदि आपके कुत्ते को बुखार होने के लक्षण या संभावना दिख रहे है तो आपको उसकी पुष्टि करने के लिए आपको कुत्ते के शरीर का तापमान जाँचने की आवश्यकता पड़ेगी जिसके लिए आपके पास एक थर्मामीटर होना अनिवार्य है तथा आपको कुत्ते के शरीर का तापमान लेने का सही और उचित तरीका भी मालूम होना चाहिए तो सही तरीके से कुत्ते के शरीर का तापमान कैसे ले? 

 

सही तरीके से कुत्ते का तापमान चेक करने के लिए थर्मामीटर लीजिए और उसके अगले भाग मैं वैसलीन लगा लीजिये इसके बाद थर्मामीटर के अगले हिस्से को जहा आपने वैसलीन लगाया है उसे कुत्ते के पोट्टी (मल) करने वाले अंग मैं लगभग आधा ½ से एक इंच तक अंदर डालिये तथा एक मिनट के बाद बाहर निकाल लीजिए।

 

कुत्ते के बुखार का इलाज

यदि कुत्ते के शरीर का तापमान 103 फ्रेनहाइट से अधिक है और कुत्ते को बुखार हो तो क्या करना चाहिए? किन्ही आपातकालीन स्थिति मै अगर आप कुत्ते को पशु चिकित्सक के पास तत्काल नही ले जा पा रहे है तो आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से कुत्ते का तापमान नियंत्रित कर सकते है।

 

तापमान नियंत्रित करने के लिए ठंडे पानी मै कपड़ा भिगोकर कुत्ते के कान, पंजों, पेट और गर्दन पर रखिए इसकेे अतिरिक्त अधिक से अधिक समय कुत्ते को पंखे के पास रखिए जिस से की शरीर का तापमान सामन्य हो सकें तापमान सामान्य होने पर यह प्रक्रिया बंद कर दें।

 

शरीर को निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) से बचाने के लिए थोड़े थोड़े समय के अंतराल पर कुत्ते को जरुरी मात्रा मै पानी पिलाते रहे तथा इसके साथ ही साथ अधिक पानी की मात्रा वाले भोज्य पदार्थ भी देते रहें  

 

घरेलू उपचार करने के बाद भी यदि तापमान नियंत्रित नहीं होता है बिना किसी देरी के तुरंत अपने कुत्ते को लेकर पशु चिकित्सक से संपर्क कीजिए।

 

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कुत्ते के लिए बुखार की दवा

यदि आपके कुत्ते को बुखार है तो यह बहुत ही चिंताजनक बात ऐसी स्थिति मै अधिकतर लोगों के मन में यह दुविधा रहती है की कुत्ते को बुखार में क्या देना चाहिए अगर आपका कुत्ता बुखार से पीड़ित है तो एक अच्छे डॉग ऑनर होने के नाते आपकी यह जिम्मेदारी है की सबसे पहले आप अपने कुत्ते को पशु चिकित्सक के पास लेकर जाए और जरूरी उपचार कराए।

 

लेकिन यदि किसी कारण से आपको अपने कुत्ते को पशु चिकित्सक के पास लेकर जाने मै देरी हो रही है तो आप ऊपर सुझाए गए घरेलू उपचार की सहायता ले सकते है 

 

इसके अलावा आप सामान्य बुखार मैं कुछ डॉग फीवर की मेडिसिन भी दे सकते है डॉग फीवर के लिए मेडिसिन के नाम इस प्रकार है Tab Analgin,Tab melonex यह मेडिसिन आप अपने कुत्ते को समान्य बुखार मैं दे सकते है।

 

अवश्य ध्यान रखे: सुझाएं गए किसी भी दवाई का इस्तेमाल अपने कुत्ते पर करने से पहले पशु चिकित्सक से सलाह अवश्य ले तथा मनुष्यों के लिए उपयोग की जाने वाली बुखार संबंधी दवाओं का प्रयोग चिकित्सक के परामर्श के बिना बिलकुल भी न करे यह आपके कुत्ते के लिए बेहद खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकता है।

 

कुत्तों में टिक फीवर क्या है

टिक फीवर या जिसे स्पॉट फीवर भी कहा जाता है यह रिकेट्सिया कोनोरी बैक्टीरिया के कारण टिक्स के काटने की वजह से कुत्तों मैं फैलता है वैसे तो टिक्स समान्यतः कुत्तों मैं स्वयं ही उत्पन्न हो जाते है लेकिन यह कई बार अन्य दूसरे जानवरों से भी आपके कुत्ते मै प्रवेश कर सकते है।

 

यह रक्त मैं शामिल हो कर रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुॅचाते है जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है और कुत्तो को टिक फीवर होता हैं।  टिक फीवर वसंत ऋतु एवं गर्मियों के मौसम मैं कुत्तों को अधिक प्रभावित करती है इसके अलावा लंबे बाल वाली डॉग की नस्लो को टिक फीवर का खतरा अधिक होता है।

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कुत्तों में टिक बुखार के लक्षण

कुत्ते को बुखार है या नही इसका पता लगाने के लिए हम आम तौर पर सबसे पहले कुत्ते के शरीर का तापमान जाँचते है लेकिन यदि आपका कुत्ता टिक फीवर से प्रभावित है तो इसका पता कैसे लगाया जाए टिक फीवर का पता लगाने के लिए टिक फीवर के लक्षणों की पहचानना होगा जो इस प्रकार है

  • वजन कम होना
  • भोजन की मात्रा मैं कमी
  • नाक से खून बहना
  • आँखों का रंग नीला होना
  • शरीर सुस्त होना
  • शरीर मै बेगनी रंग के निशान हो जाना
  • जोड़ो मैं दर्द
  • चलने मैं परेशानी होना
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