कुत्ते के काटने पर करे यह उपचार- Dog bite treatment in hindi

प्रिय रीडर्स आज हम बात करने वाले हैं डॉग बाइटइंग ट्रीटमेंट यानि कि कुत्ते के काटने पर किस प्रकार उसका घरेलू व मेडिकल उपचार किया जाना चहिए और यदी कीसी को कुत्ता काट ले तो क्या क्या सावधानी रखना जरूरी होता हैं।

दोस्तो पागल या बाहरी कुत्ते के काटने व पालतू कुत्ते के काटने पर परिणाम अलग अलग हो सकते है बात करे एक पालतू कुत्ते की तो यदि उसकी देखभाल एक उचित देखरेख मैं की जाती है जहाँ उसके खान पान,शरीरिक साफ़ सफाई सही ढंग से की जाती है।

तथा सभी वैक्सिन नियम अनुसार लगाए गए है तो एक पालतू कुत्ते के काटने से होने वाले खतरे बहुत कम होते हैं लेकिन यदि कोई बाहरी आवारा या पागल कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता हैं तो कई जानलेवा व घातक बीमारियाँ हो सकती हैं।

और यदि कुत्ते के काटने पर सही समय पर कुछ ज़रूरी कदम ना उठाया जाए या उपचार ना किया तो परिणाम बेहद ख़तनाक व भयानक हो सकते हैं। यहां तक कि कई मामलों मै पागलपन जैसी समस्या तक हो सकती है।


कुत्ते के काटने पर क्या करे? 

कुत्ते के काटने पर करें यह काम

यदि कोई भी पालतू आवारा या पागल कुत्ता किसी को भी काटता है तो जो सबसे पहले जो कार्य आपको करना है वह WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की गाइड लाइन के अनुसार कुछ इस प्रकार करना है।काटे गए स्थान पर रनिंग वॉटर यानी तेजी से गिरते पानी जैसे की नल या पाइप की सहायता से उस स्थान को 15-20 मिनट तक एंटीसेप्टिक साबुन से धोना है।

आप सोच रहे होंगे की काटें गए स्थान को पानी से क्यो धोना है। तो इसके पीछे का तथ्य यह है की यदि कुत्ते द्वारा काटें गये जगह को रनिंग वॉटर या तेजी से गिरते पानी मै धोते है डॉग के सलाइवा(लार) से निकला वायरस जो की घाव पर लगा होता है वह पानी के प्रवाह से बह जाता है जिस से खतरा कम हो जाता हैं।


कुत्ते का काटना खतरनाक क्यों है? 

पागल या कोई अन्य बाहरी अवारा कुत्ते का काटना बेहद खतरनाक होता हैं पागल कुत्ते के काटने से होने वाली बीमारी की बात करे तो सबसे पहले नाम आता है रेबीज़ का। रेबीज़ कुत्ते के काटने से होने वाली एक जानलेवा व लाइलाज बीमारी है इस से बचाव एवं सही समय पर वैक्सिनेशंन ही इसका ईलाज है।

कुत्ते के काटने के बाद अगर रेबीज़ वायरस किसी व्यक्ति को होता है और उसका ईलाज यदि समय नहीं कराया जाए तो रेबीज़ वायरस 3 mm प्रति घंटे से धीरे धीरे उस व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुँच कर उसे संक्रमित करता हैं। जिसके बाद उस व्यक्ति मैं पागल के लक्षण शुरू होते हैं तथा बाद मै उसकी मृत्यु हो जाती हैं रेबीज से बचाव के लिए कुत्ते के काटने के 72 घंटो के भीतर एंटी रेबीज़ का टीका लगवाना अनिवार्य होता है।

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कुत्ते के काटने पर घरेलू उपचार

कुत्ते के काटने पर घरेलू उपचार

कुत्ता काटने पर क्या करना चाहिए घरेलू उपाय ? दोस्तो कुत्ते के काटने पर घरेलू उपायों का उपयोग प्रथम चिकित्सा के रूप मैं किया जात हैं यदि किसी व्यक्ति को कुत्ता काटता हैं घाव को साफ कर घरेलू उपचार के माध्यम से जहर को खत्म किया जा सकता है।

कुत्ते के काटने घरेलू उपचार के साथ मेडिकल ट्रीटमेंट करवाना भी बहुत जरूरी व अनिवार्य होता है क्योकि कुत्ते के काटने पर सबसे ज्यादा खतरा रेबीज़ वायरस का होता है और समय पर ईलाज न किया जाए तो जान भी जा सकती हैं।

लाल मिर्च

लाल मिर्च का उपयोग मसाले के रूप तो हर घर मै किया जाता हैं। लेकिन कुत्ते के काटने पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता हैं कुत्ते द्वारा काटे गए जगह पर इसका लेप बना कर लगाइये इसके इस्तेमाल से जहर का असर कम हो जाता हैं हालाँकि इस से उपयोग से आपको अत्यधिक जलन का सामना करना पड़ेगा।

काली मिर्च जीरा

पंद्रह काली मिर्च और एक छोटी चम्मच जीरा को पानी मै भिगोकर उसे पीस कर उसका लेप बना ले तथा काटे गए स्थान पर लगाइये इस के उपयोग से भी जहर का असर कम होता हैं।

शहद अखरोट प्याज

अखरोट की गिरी व प्याज को बराबर मात्रा मै लेकर इसे पीस लीजिये तथा इसमे नमक और शहद मिलाकर इसे कुत्ते के द्वारा काटे गए स्थान पर पर लगा लीजिये यह जहर के असर को कम करने मै सहायता करता हैं।

हिंग

दोस्तो हिंग का इस्तेमाल भी कुत्ते के काटने पर घरेलू उपचार के रूप मै किया जाता हैं। इसे बारीक पीस कर इसका उपयोग काटे गए जगह पर लेप बना कर कीजिए यह जहर के प्रभाव को कम करने मै मददगार होता हैं।

चोलाई

चोलाई की भाजी का उपयोग समान्यतः खाने किया जाता हैं लेकिन क्या आपको मालूम हैं इसका इस्तेमाल कुत्ते के काटने पर उसका विष खत्म करने के लिए किया जाता हैं। जगली चोलाई की जड़ को 50-100 ग्राम पानी मैं पीस कर पिलाये।

आम की गुटली

आयुर्वेद के अनुसार आम की गुटली अनेको फायदे होते हैं तथा यह कुत्ते के काटने मैं भी लाभकारी होता हैं।आम की गुटली को पानी मैं घिस कर उसे काटे गए स्थान पर लगाइये इस से काटे गए व्यक्ति को राहत मिलेगा।


कुत्ते के काटने के बाद यह सावधानियां जरूर रखे। 

डॉग के काटने के बाद जरूरी हैं काटें गए व्यक्ति की मेडिकल गाइड लाइन के तहत सही ईलाज किया जाए उपचार के साथ यह भी बहुत आवश्यक है की आप कुछ सावधानियों का भी पालन करे क्योकि आपकी थोड़ी सी भी लापरवाही से मामला बिगड़ सकता है जिसके परिणाम दुःखद हो सकते है।

1.जिस स्थान पर कुत्ते ने काटा हैं पहले तो उस स्थान को पानी से धोना हैं जैसा की पहले हमने बताया है। तथा उसके बाद उसे डेटॉल से साफ़ कीजिए एक महत्वपूर्ण बात रीडर्स पशु चिकित्सको के अनुसार घाव छोटा हो या बड़ा उसे बांधना नही हैं। घाव को साफ़ करने के बाद उसे खुला छोड़ना हैं।

2. कुत्ते के काटने पर जख्म अगर गहरा होता हैं तो डॉक्टर से परामर्श व जरूरी उपचार अवश्य करवायें क्योकि जख्म यदि ज्यादा गहरा होता हैं तो हड्डियो तथा नसो को नुकसान व जोखिम का खतरा हो सकता हैं।

3.कुत्ते के काटने पर सबसे ज्यादा खतरा रेबीज़ वायरस का होता हैं। रेबीज़ वायरस का कोई ईलाज नही है इस से बचाव एक मात्र उपाय यह है की कुत्ते काटने पर तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट ले तथा किसी भी सरकारी या गैर सरकारी हॉस्पिटल रेबीज़ के सभी टिके नियमानुसार लगवाए।

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डॉग बाईट ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल-dog bite treatment protocol in india

डॉग बाईट ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल

दोस्तो यदि आपको या किसी भी व्यक्ति को अगर कुत्ता काटता हैं तो वैक्सीन सामान्य भाषा मै बोले तो इंजेक्शन लगवाना बहुत जरूरी तथा अनिवार्य होता हैं तो जो की आपको डॉग के काटने से होने वाले जानलेवा रोगों से बचाती है।

डॉग के काटने के बाद जो मेडिकल ट्रीटमेंट होता हैं वह एक नियम अनुसार होता हैं जिसे हम डॉग बाईट ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल कहते हैं यह ट्रीटमेंट हर सरकारी हॉस्पिटल मै निशुल्क किया जाता हैं आइये जानते यह किस प्रकार होता हैं।


कुत्ता काटने के कितने दिन बाद एंटी रैबीज इंजेक्शन ले ?

पागल कुत्ते के द्वारा काटें जाने पर टोटल छह इंजेक्शन काटें गए व्यक्ति को लगाए जाते हैं जिसमें एक रेबीज़ एंटीसीरम तथा एंटी रेबीज़ के पांच इंजेक्शन लगाए जाते हैं जो कुछ इस प्रकार से लगाया जाता हैं।

पहले दो इंजेक्शन एंटीरेबीज़ सीरम एवम एंटी रेबीज़ का इंजेक्शन 0 दिन मतलब की जिस दिन कुत्ते ने काटा है उस दिन लगाया जाता हैं तथा बाकी के चार इंजेक्शन 3,7,14 व 28 दिन लगाया जाता हैं रेबीज़ से बचाव के लिए जरूरी है की डॉग बाइट प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।


कुत्ते के काटने पर होम्योपैथिक दवाई

होमियोपैथि पद्धति मैं भी कुत्ते के काटने का बहुत कारगर ईलाज मौजूद हैं। कुत्ते के काटने पर काटे गए व्यक्ति को Hydrophobinum Dilution 200 CH लिक्विड दिया जाता हैं इसका उपयोग इस प्रकार करना है।

एक-एक बूँद जीभ मैं दस मिनट के अंतराल मैं दिन मैं तीन बार एक सप्ताह तक डालना है।उपयोग के बाद इसे फ्रिज मै न रखे तथा सूरज की रोशनी से बचा कर रखे।


FAQ

Q : पालतू कुत्ता काटने के कितने दिन बाद एंटी रैबीज इंजेक्शन ले?

ANS: पालतू कुत्ता या अन्य किसी आवारा कुत्ता के काटने के 1 दिन के अंदर लगवाना लेना चाहिए और यदि आपको किसी कारण से देरी होती हैं तो दो दिनों के भीतर किसी हालत मई भी एंटी रेबीज़ के इंजेक्शन लगवाना अति आवश्यक और अनिवार्य होता हैं।

Q : कुत्ता काटने के कितने दिन बाद रेबीज फैलता है?

ANS : कुत्ता काटने के बाद रेबीज़ वायरस के लक्षणों को विकसित होने मैं तीन हफ्तों से लेकर तीन महीने लगता हैं।

Q : कुत्ता काटने पर कितने घंटे बाद इंजेक्शन लगवाना चाहिए?

ANS : कुत्ता काटने के 72 घंटो के भीतर रेबीज़ का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए।

Q : कुत्ता काटने पर कितने टीके लगते हैं?

ANS : कुत्ता काटने पर अभी के समय मैं सिर्फ पांच ही टीके लगाए जाते हैं।

Q : क्या सभी कुत्तों में रेबीज होता है?

ANS : सभी कुत्तो मैं रेबीज़ होता हैं लेकिन आपके पास यदि एक पालतू कुत्ता हैं और आपने उसे सभी टीके समनुसार और चिकित्सक की देखरेख मैं लगवाया हैं तो उसमे रेबीज़ के वायरस नहीं होंगे।

Q : रेबीज का इंजेक्शन कब लगाना चाहिए?

ANS : रेबीज़ का इंजेक्शन कुत्ते या किसी अन्य जानवर के काटने के 72 घंटो के भीतर लगवाना चाहिए।

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